Mumbai : हेल्थ न्यूज़, प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं में सुरक्षित इलाज है प्रोस्टेटिक आर्टरी एम्बोलिजेशन-डॉ.शिवराज इंगोले
प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं में सुरक्षित इलाज है प्रोस्टेटिक आर्टरी एम्बोलिजेशन-डॉ.शिवराज इंगोले
मुंबई (अनिल बेदाग): प्रोस्टेट ग्लैंड एक महत्वपूर्ण अंग है जो पुरुषों में प्रजनन संबंधी समस्याओं और मूत्र प्रणाली को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यह ग्लैंड उम्र बढ़ने के साथ बड़ा होता है और कई प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है, जिसमें प्रोस्टेट बढ़ना, प्रोस्टेट कैंसर, और मूत्र निकास की समस्याएं शामिल हैं।
मुंबई के जे जे अस्पताल एवं ग्रांट मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और इंटरवेंशनल रेडियोलाजिस्ट डॉक्टर शिवराज इंगोले का कहना है कि प्रोस्टेटिक आर्टरी एम्बोलिजेशन एक उत्तरदायी इलाज है जो प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं का सामान्यत: सुधार करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
प्रोस्टेटिक आर्टरी एम्बोलिजेशन एक माध्यमिक तकनीक है जिसमें प्रोस्टेट ग्लैंड के लिए जानी जाने वाली प्रोस्टेटिक धमनियों को बंद किया जाता है।
यह तकनीक अंतर्निहित धमनियों को बंद करके प्रोस्टेट की आवृत्ति को कम करने के लिए उपयुक्त है। इसका उपयोग बड़े प्रोस्टेट या प्रोस्टेटिक संबंधी लक्षणों के साथ-साथ निकास की समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
पीएइ का प्रक्रियात्मक सिद्धांत इस प्रकार है कि एक विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा बड़े धमनियों को बंद करने के लिए कैथेटर को प्रोस्टेट ग्लैंड के अंदर ले जाया जाता है। इसके बाद, एम्बोलिजेशन के लिए छोटे रसायनिक द्रव्यों को धमनी में इंजेक्ट किया जाता है, जिससे धमनी बंद हो जाती है और प्रोस्टेट को आवश्यक पोषण प्राप्त नहीं होता है।
पीएइ के लाभों में यह है कि यह एक सामान्य और सुरक्षित प्रक्रिया है जो रोगी को चिकित्सा विभाग में अस्थायी रूप से भर्ती करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अतिरिक्त, यह उपाय प्रोस्टेट के संबंधित समस्याओं के समाधान में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है जैसे कि अत्यधिक पेशाब की समस्या, आधा और आधा निकास, और इससे रोगी की जीवन गुणवत्ता में सुधार होता है।
प्रोस्टेटिक आर्टरी एम्बोलिजेशन एक उत्कृष्ट इलाज विकल्प है जो प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जा सकता है। यह एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है जो रोगी को अधिकांश मामलों में सुधार देती है।
इसके बावजूद, यह उपचार किसी भी रोगी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है, और इसलिए रोगी को अपने चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। फिर भी, पीएइ एक महत्वपूर्ण प्रगतिशील उपाय है जो प्रोस्टेट संबंधी समस्याओं का समाधान कर सकता है और रोगियों को उनके जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन
मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट