Mumbai Bollywood : साबरमती ट्रेन दुर्घटना से पर्दा उठाएगी “एक्सीडेंट ऑर कांस्पिरेसी गोधरा”
मुंबई (अनिल बेदाग) : साबरमती ट्रेन दुर्घटना पर लंबे समय से चली आ रही कहानियों और धारणाओं को चुनौती देने वाली फ़िल्म “एक्सीडेंट ऑर कांस्पिरेसी गोधरा” का ट्रेलर ज़ी म्यूज़िक ने सोशल मीडिया पर रिलीज किया है फ़िल्म के मेकर्स का दावा है कि “एक्सीडेंट ऑर कांस्पिरेसी गोधरा” साबरमती ट्रेन दुर्घटना के पीछे की सच्चाई देश के सामने उजागर करेगी।
रणवीर शौरी अपनी दलील को पूरे ज़ोर के साथ रखते हुए कहते हैं कि “यह प्रशासन सिर्फ़ एक कहानी बना रहा है। अपनी ग़ैर जिम्मेदारी को छुपाने के लिए।
जब अटैक हुआ तो आरपीएफ कहाँ था? गलती से जब उस ट्रेन में आग लग गई तो फायर ब्रिगेड कहाँ था? योर ऑनर साबरमती ट्रेन की घटना कोई साजिश नहीं थी इस दलील के जवाब में मनोज जोशी कहते हैं कि साबरमती ट्रेन एक्सीडेंट एक साजिश थी।
उनकी काँपती आवाज चलती ट्रेन के शोर में गुम हो जाती है। ट्रेलर के इस हिस्से में बीच में एक सवाल उठता है कि आख़िर साबरमती ट्रेन पर ही हमला क्यों किया गया।
ट्रेलर के दूसरे हिस्से में बहुत इमोशनल दृश्य हैं।
ओम त्रिनेत्र फिल्म्स के बैनर तले निर्मित इस फिल्म में रणवीर शौरी, मनोज जोशी, हितू कनोडिया , डेनिशा घुमरा अक्षिता नामदेव, गणेश यादव और राजीव सुरती जैसे कई कलाकार नज़र आयेंगे।
यह फ़िल्म नानावती मेहता आयोग की रिपोर्ट पर आधारित है, जिसे घटना की जांच का काम सौंपा गया था। पहली बार कोई बॉलीवुड फ़िल्म हैं जो एक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर एक घटना की सच्चाई दर्शकों के सामने दिखायेगी।
युवा निर्देशक एम.के. शिवाक्ष का कहना है, “गोधरा के निर्देशक के रूप में मेरा लक्ष्य हमेशा घटना के पीछे की सच्चाई पर सामने लाना है। इस फिल्म के माध्यम से मैंने दर्शकों के सामने गोधरा कांड की जटिलता और गहराई को बताने का प्रयास किया है।
फ़िल्म किसी जाति संप्रदाय को टारगेट नहीं कर रही है। फ़िल्म एक ऐसी घटना की परतों को खोल रही है जिसे अपने अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया गया है।
निर्माता बी.जे. पुरोहित गोधरा ने कहा, “अब दर्शक साबरमती ट्रेन दुर्घटना की सच्चाई को पर्दे पर देख पाएंगे।
एक्सीडेंट ऑर कांस्पिरेसी गोधरा” एक ऐसी फिल्म है जो भयावह ट्रेन हमले की गहराई से जांच करती है यह फिल्म दर्शकों को उस दुखद अतीत पर सोचने के लिए मजबूर करती हैं जिन्हें आज तक न्याय नहीं मिला।
इस फ़िल्म का टीज़र आते ही मीडिया में चर्चा शुरू हो गई थी। सेंसर को लेकर कई प्रकार की बाधाओं की वजह से भी फ़िल्म सुर्खियों में रही है। सेंसर बोर्ड ने कई स्टेज पर परीक्षण करने के लिए निर्माताओं को लंबा इंतज़ार करना पड़ा।
फ़िल्म को सेंसर सर्टिफिकेट मिल गया है और 12 जुलाई को देशभर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने जा रही है। हिन्दी के साथ ही फ़िल्म तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम में भी रिलीज़ होगी।
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन
मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट