Mumbai : मायानगरी की रंगीन दुनिया की अदाकारा श्रेया देशमुख
श्रेया देशमुख एक अदाकारा और नृत्यांगना हैं। इनका जन्म और परवरिश महाराष्ट्र के अमरावती में हुयी है और इन्होंने कॉमर्स में स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। बचपन से पेंटिंग्स बनाने का इनका शौक रहा है।
श्रेया कागज के पन्नों में रंगीन दुनिया का चित्रण करते हुए आज मायानगरी की रंगीन दुनिया की अदाकारा बन गयी है, यह एक अजीब इत्तेफाक ही है।
धारावाहिक ‘कबूल है’ और ‘बेहद’ इनके पसंदीदा शो रहे, जिन्हें देखकर इनके मन में भी अभिनय करने का शौक जागा। भरतनाट्यम, कुकिंग और हॉर्सराइडिंग में माहिर श्रेया देशमुख फिल्म, विज्ञापन फिल्म, वेब सीरीज और धारावाहिकों में काम कर रही है।
जल्द ही इनकी मराठी भाषा में बनी फिल्म पर्दे पर प्रदर्शित होगी। इन्होंने टेलीविजन शो ‘मेहंदी है रचने वाली’ और ‘ब्रम्हराक्षस 2’ में भी अभिनय किया है।
खंडेलवाल ज्वैलरी, स्कॉट आईवियर जैसे कई विज्ञापन में काम कर चुकी हैं और आगे भी कई प्रोजेक्ट्स इनके पास है जिनमें कुछ वेबसीरीज़ भी हैं।
श्रेया देशमुख ने अभिनय की बारीकियों को अपनी मेहनत और लगन से सीखा है। इन्होंने शुरुआत छोटी भूमिकाओं से की और आज मुख्य भूमिका भी कर रही है।
इनका कहना है कि जिस चीज को आप बारीकी से अध्ययन करते हुए देखते हो, तो उस कौशल में आपकी योग्यता अधिक बढ़ती है और जब आप उसका अभ्यास करते हैं तो आपके कार्य में परिपक्वता और निपुणता आती है।
श्रेया देशमुख कहती है कि एक कलाकार को अपने कौशल पर विश्वास होना चाहिए ना कि बाह्य प्रदर्शन में, खासकर महिला कलाकारों को अपनी स्वयं की योग्यता और हुनर पर विश्वास होना चाहिए।
श्रेया का कहना है कि वह ऐसी भूमिकायें करना चाहती हैं जिसमें उनकी सकारात्मक ऊर्जा दर्शकों तक पहुंचे। जो परिवार के साथ देखने योग्य हो और सारी दुनिया आप पर गर्व कर सके।
प्रसिद्धि पाने की महत्वाकांक्षा में आपकी अपनी परछाई और अस्तित्व धूमिल नहीं होना चाहिए। जब भी दर्पण में नज़र टिके आपको आपनी निर्मल और दोषरहित छवि दिखनी चाहिए। इससे आप कभी भी आत्मग्लानि और अवसाद के अंकुश में नहीं फसेंगे।
श्रेया देशमुख का व्यक्तित्व प्रभावशाली है। वह सकारात्मक सोच रखती हैं। उनका कहना है कि हमेशा इंसान को कुछ ना कुछ नया सीखते रहना चाहिए और अपना कौशल बढ़ाना चाहिए।
ज्ञान अथाह है, केवल एक जन्म काफी नहीं इसे बटोरने के लिए इसलिए जितना ज्ञान अर्जित कर सको उतना आपके लिए फायदेमंद होगा। सीखने के लिए उम्र की सीमा नहीं होती और ना ही कोई दायरा होता है।
आपको जो सीखना है सीख सकते हैं और ज्ञान अर्जित कर सकते हैं। कभी भी अकेलेपन या अपनी हार से थककर या निराश होकर स्थायी नहीं होना चाहिए बल्कि नदी की तरह हर मुसीबत का सामना करते हुए बहते रहना चाहिए। हमेशा कुछ नया ज्ञान या नई सीख अर्जित कर अपने जीवन में नया पड़ाव और खुशी का समावेश करना चाहिए।
श्रेया को अभिनेत्री रेखा, माधुरी दीक्षित,कीर्ती सुरेश, जेनिफर विंगेट का अभिनय पसंद है। श्रेया अपने अभिनय के माध्यम से अपने कौशल और योग्यता को लोगों तक पहुंचना चाहती है। श्रेया अपने कार्य में आगे बढ़ रही है, आगे उनका भविष्य अवश्य उज्ज्वल होगा।
गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स मैगज़ीन मुंबई से अनिल बेदाग की रिपोर्ट