सांसद व विधायक उनकी विकास निधि से दाने दाने को मोहताज शिक्षकों की मदद करें – जगदीश चन्द्र सक्सेना
बरेली। मार्च 20 से बन्द पड़े असहायिक मान्यता प्राप्त स्कूलों में अभिभावकों से कोई शुल्क नहीं मिल रही है और जब भी कोरोना महामारी की शान्ति उपरान्त यह स्कूल खुलेंगे तब उनकी विद्यार्थियों की संख्या क्या होगी यह अनिश्चित है। इन स्कूलों में शिक्षकों का वेतन अभिभावकों से मिले शुल्क से दिया जाता है जो मार्च 20 से शून्य है जिस कारण मार्च 20 से ही स्कूल संचालक शिक्षकों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं जिसकारण शिक्षक दाने दाने को मोहताज हो गये हैं।
प्रदेश सरकार ने कमजोर वर्ग भूख से न मरे इसलिए कोरोना महामारी काल में इस वर्ग की आर्थिक सहायता की है परन्तु समिति द्वारा काला दिवस मनाने व अनेकों माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजने के बाद भी ऐसे स्कूलों जिनको अभिभावकों से कोरोना बन्दी के दौरान कोई शुल्क नहीं मिल रहा के शिक्षकों को कोरोना बन्दी काल का वेतन सरकार दे पर सरकार ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है।
सरकार से निराश मान्यता प्राप्त स्कूलों के संगठन बेसिक शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष जगदीश चन्द्र सक्सेना ने प्रदेश के एम पी, विधायकों व एम एल सी से अपील की है कि वे अपने अपने चुनाव क्षेत्रों के उक्त प्रकार के स्कूलों के शिक्षकों को अपनी विकास निधि से उचित सहायता करें जिनका विवरण उपलब्ध कराने में समिति उनका सहयोग करेगी।
श्री सक्सेना ने बताया कि शीघ्र ही जनप्रतिनिधियों के करीबी स्कूल संचालकों की सूची जारी की जायेगी जो जनप्रतिनिधियों को शिक्षकों की सहायता हेतु प्रेरित करेंगे। प्रदेशाध्यक्ष के अनुसार जनप्रतिनिधियों के लिये भी यह आपदा में अवसर है जो उन्हें अगला चुनाव जीतने में मदद करेगा।
जगदीश चन्द्र सक्सेना
प्रदेशाध्यक्ष
बेसिक शिक्षा समिति उत्तर प्रदेश
मो० – 9219196917
बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !