कोविड मरीजों की मदद के लिए जारी ज्यादातर फोन नंबर निकले बीमार, जानिये फोन करने पर क्या मिला जवाब
बरेली : कोरोना संक्रमण का असर बढ़ा तो जिले में कोविड अस्पतालों की संख्या भी बढ़ाई गई। दर्जन भर प्राइवेट हॉस्पिटलों को कोरोना संक्रमितों के सशुल्क इलाज की अनुमति मिली।हालांकि 30 गुना से ज्यादा तेजी से बढ़े संक्रमण की वजह से सभी अस्पतालों के बेड फुल हो गए। तीमारदार अपने मरीज को लेकर इधर-उधर न भटकें, इसलिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एसके गर्ग ने सभी कोविड अस्पतालों में नोडल अधिकारियों के नंबर जारी किए। नोडल अधिकारी लोगों की कितनी मदद करते हैं, ये जानने के लिए दैनिक जागरण ने कोविड अस्पतालों में नोडल अधिकारियों के मोबाइल नंबर पर फोन किए।लेकिन कहीं केवल घंटी जाती रही, कोई फोन नंबर नॉट रीचबल यानी पहुंच से बाहर बताता रहा।
रोहेलखंड व एसआरएमएस ने बताईं वजह
रोहेलखंड मेडिकल कालेज के नोडल अधिकारी डॉ.फैज ने वाट्सएप पर मैसेज किया। बताया कि कोविड के सभी लक्षण के साथ सारकॉइडोसिस है। अस्पताल में भर्ती होने की वजह से लोगों से बात नहीं कर पा रहे। वहीं, एसआरएमएस मेडिकल कालेज के नोडल अधिकारी डॉ. आरपी सिंह ने 9458702289 नंबर एडमिशन को-आर्डिनेटर का बताया। इसके अलावा एसआरएमएस कंट्रोल रूम के नंबर 0581-2582036 और 9458706549 बताए।
सरकारी अधिकारियों के नंबर का भी यही हाल
सीएमओ ने निजी कोविड अस्पतालों के अधिकारियों के साथ ही एसीएमओ लेवल के वरिष्ठ अधिकारियों व अन्य सरकारी स्वास्थ्य अधिकारियों के मोबाइल नंबर भी जारी किए थे। लेकिन इन मोबाइल नंबरों की स्थिति भी संतोषजनक नहीं थी। यही नहीं, स्विच आफ तो अलग बात है। जिस अधिकारी के मोबाइल नंबर पर कॉल वेटिंग गई, वहां से दोबारा फोन नहीं आया।
जहां फोन उठा वहां बेड नहीं तो कही आक्सीजन की कमी
नंबर समाचार पत्र में प्रकाशित होने से पहले कुछ जगह नोडल अधिकारियों ने आम लोगों के फोन उठाए भी।हालांकि बेड कहीं पर भी मयस्सर नहीं हुआ। आक्सीजन की कमी का हवाला दिया गया, कहीं कोविड अस्पताल में सभी बेड फुल बताए गए। कुल मिलाकर तीमारदार के हाथ निराशा ही लगी।मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एसके गर्ग ने बताया कि सभी नोडल अधिकारियों से बात कर पुख्ता किया जाएगा कि कॉल करने वाले लोगों के सवालों का जवाब दिया जाए। फोन नहीं उठाने वालों से स्पष्टीकरण लिया जाएगा।
ब्यूरो रिपोर्ट आल राइट्स न्यूज़ !