मोदी सरकार का नीरव-माल्या से लोन वसूलने का नया प्लान ,’भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018′ संसद में पेश
PNB स्कैम के उजागर होने के बाद से जहां देश में हर रोज किसी न किसी बैंक में हो रहे घोटालों से लोग परेशान हो कर अपनी सेविंग्स को घर में ही रखने को सेफ मानने लगे है। तो वहीं केन्द्र सरकार बैंकों पर लोगों के विश्वास और देश के विकास की गति को मजबूत करने के लिए लगातार नए- नए कानून बनाने में लगी है । मोदी सरकार ने नीरव मोदी और माल्या जैसे अन्य लोन डिफॉल्टर्स से लोन राशि वसूलने का एक नया प्लान बनाया है। जिसे ‘भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018’ नाम दिया गया है । इस बिल को सरकार संसद में पेश कर चुकी है, मगर अभी पास नहीं हुआ है ।
क्या है ‘भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल 2018’
बिल के कानून बनने पर देश से लोन लेकर या आर्थिक हेरफेर के जरिए पैसा लेकर भागने वाले भगोड़ों से वसूली करने में मदद मिलेगी। इसमें सबसे पहले कोर्ट से उस व्यक्ति को भगोड़ा घोषित किया जाएगा। इसके बाद उसकी देशी-विदेशी संपत्ति को कुर्क की जाएगी। हालांकि, ऐसा उन मामलों में होगा जिसमें 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का फ्रॉड हुआ हो।विदेशों में भी संपत्ति जब्त करने का अधिकार होगा, लेकिन उन देशों से सरकार को पहले बात करनी होगी।
जांच में सहयोग नहीं दे रहे
PNB स्कैम सामने आने के बाद सरकार ने धोखाधड़ी और जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों का पता लगाने के लिए बैंकों को निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने बैंकों से 50 करोड़ रुपए से अधिक के सभी एनपीए खातों की जांच करने को कहा है. विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी देश से बाहर निकलने के बाद जांच एजेंसियों को अपने खिलाफ जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
छोटे डिफॉल्टर्स पर भी नजर
सरकार की नजर बड़े डिफॉल्टर्स के साथ-साथ छोटे खिलाड़ियों पर भी है। घोटालों में ऐसे ही कुछ और डिफॉल्टर्स के होने का भी अंदेशा है। हाल ही में दिल्ली के करोल बाग के दास सेठ इंटरनेशनल का नाम भी सामने आया है। इसके प्रमोटर्स भी लोन चुकाए बिना देश से बाहर हैं। सीबीआई ने दिल्ली के एक ज्वैलर के खिलाफ भी 390 करोड़ का लोन नहीं चुकाने का मामला दर्ज किया है। इस ज्वैलर ने ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से यह लोन लिया था।
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स पर भी नजर
मोदी ने जीएसटी लागू होने के वक्त चार्टर्ड अकाउटेंट्स पर चुटकी लेते हुए कहा था कि कैबिनेट की बैठक में चार्टर्ड अकाउंटेंट को रेग्यूलेट करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक के एजेंडे में चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI) के कामकाज पर निगरानी रखने के लिए एक नई संस्था नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) का गठन भी शामिल था। हालांकि, बुधवार को इस पर कोई फैसला नहीं हो सका। आज एक बार फिर कैबिनेट इस विषय पर चर्चा होगी। पंजाब नेशनल बैंक में 12,700 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आने के बाद सरकार चार्टर्ड अकाउंटेंट की निगरानी को लेकर गंभीर है ।