निर्दलीय विधायक अनंत सिंह के साथ प्रदेश के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह

पटना: मोकामा के शिवनार गांव में राजनीतिक दृष्टिकोण से रोचक, दिलचस्प और हैरान कर देने वाला नजारा दिखा. निर्दलीय विधायक अनंत सिंह के साथ प्रदेश के जल संसाधन मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह भी दिखे. पिछले साढ़े तीन सालों में यह पहला अवसर है जब अनंत सिंह किसी कार्यक्रम में ललन सिंह या जदयू के किसी नेता के साथ एक मंच पर दिखे हों. हालांकि जदयू कार्यकर्ताओं के एक वर्ग में भी इस कार्यक्रम से उत्साह दिखा.

अनंत सिंह और ललन सिंह के हैं काफी बेहतर संबंध

पिछले विधानसभा चुनावों से पूर्व हत्या के एक मामले में भले ही राजनीतिक कारणों से अनंत सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था लेकिन इसके बावजूद अनंत सिंह और ललन सिंह के संबंधों में कटुता नहीं आई थी. ललन सिंह महागठबंधन की सरकार में भी महत्वपूर्ण स्थिति रखते थे. हालांकि अनंत समर्थकों को इस बात की शिकायत थी कि बुरे समय में ललन सिंह ने वैसा साथ नहीं दिया जितने सहयोग की उम्मीद थी. इसके बावजूद अनंत सिंह ने कभी ललन सिंह के बारे में एक शब्द भी बुरा नहीं कहा था. अनंत सिंह के समर्थक उस दौर में यदि ललन सिंह के प्रति नाराजगी भी जाहिर करते थे तो उनको समझाया जाता था. कुछ वाकये ऐसे भी थे कि अनंत सिंह और उनके समर्थकों के लिए विपरीत परिस्थितियों में भी ललन सिंह पर्दे के पीछे से मददगार साबित हुए थे. अनंत सिंह और ललन सिंह के संबंध कितने गहरे हैं इसका अंदाजा इसी से लग सकता है कि आज भी ललन सिंह की तस्वीर अनंत सिंह के कमरे में मौजूद है. यह तस्वीर उस वक्त भी कायम थी जब अनंत सिंह जनता दल यूनाइटेड की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे चुके थे. गिरफ्तारी और जेल भेजे जाने के बावजूद अनंत सिंह और ललन सिंह के संबंधों में खटास नहीं आने से ही स्पष्ट है कि दोनों के बीच संबंध काफी मजबूत थे.

जदयू कार्यकर्ता भी उत्साहित, कई कार्यकर्ता बोले साथ हैं और खुलकर रहेंगे

अनंत सिंह आज पहली बार ललन सिंह के साथ एक मंच पर दिखे. मोकामा के शिवनार गांव में लगे तोरण द्वारों में नीतीश कुमार की तस्वीर लगाई गई थी. नीतीश कुमार की तस्वीर वाले बैनरों में ललन सिंह और अनंत सिंह की भी तस्वीर लगी हुई थी. यह भले ही औपचारिक तौर पर मिलन समारोह नहीं था लेकिन एक संदेश जरूर गया है कि अनंत सिंह और जनता दल यूनाइटेड के बीच एक बार फिर नजदीकियां कायम हो चुकी हैं. ललन सिंह की विकास निधि से शिवनार मध्य विद्यालय में कमरों का निर्माण कराया गया था. शिवनार मुखिया रंजना कुमारी और अनंत सिंह के खास सहयोगी कार्तिक सिंह के अनुरोध पर ललन सिंह और अनंत सिंह एक साथ आकर उद्घाटन समारोह में शामिल हुए. कार्तिक सिंह काफी दिनों से ललन सिंह को अपने गांव लाकर उनकी निधि से निर्मित विद्यालय के कमरों का उद्घाटन कराना चाह रहे थे. खुद ललन सिंह भी शिवनार आने के लिए इच्छुक थे. अनौपचारिक और औपचारिक बातचीत में भी अनंत सिंह के खास सहयोगी कार्तिक सिंह यह कहने से नहीं चूकते थे कि शिवनार के लिए ललन सिंह ने काफी कुछ किया है तथा अपनी विकास निधि से शिवनार के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया है. अपने समर्थकों के बीच भी कार्तिक सिंह बताते थे कि महागठबंधन की सरकार में ललन सिंह भले खुलकर कुछ मदद नहीं कर पा रहे थे लेकिन उनसे जितना जब भी संभव बन पड़ा वह हर परिस्थिति में विधायक के लिए खड़े थे. जदयू कार्यकर्ता भी बोल रहे हैं कि अनंत सिंह लालू यादव के विरोध में थे और लालू यादव का विरोध करते हुए उन्होंने पार्टी छोड़ी थी. अब जब लालू यादव के साथ जनता दल यूनाइटेड का गठबंधन नहीं है तो ऐसे में अनंत सिंह और पार्टी के बीच दूरी नहीं रह सकती है. कई कार्यकर्ताओं ने बताया कि बेहतर होगा कि अनंत सिंह और जदयू कार्यकर्ता फिर पहले की तरह नजदीक आ जाएं. युवा जदयू के प्रदेश महासचिव पवन कुमार की मानें तो इस कार्यक्रम से विधायक और जदयू कार्यकर्ताओं के बीच की दूरियां बहुत हद तक कम होंगी तथा आगामी चुनावों के मद्देनजर दोनों का साथ आना बेहद जरूरी है.

लोकसभा चुनाव को लेकर महत्वपूर्ण है यह कार्यक्रम

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर यह कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण है. अनंत सिंह एक मजबूत राजनीतिक शख्सियत हैं तथा मुंगेर लोकसभा के कम से कम तीन विधानसभा क्षेत्रों में वह काफी मजबूत दखल रखते हैं. वैसे तो पूरे बिहार में अनंत सिंह परिचय के मोहताज नहीं हैं लेकिन मुंगेर के बाढ़, मोकामा, लखीसराय विधानसभा क्षेत्रों में बड़ा उलटफेर करने में अनंत सक्षम हैं. विगत विधानसभा चुनावों में इन तीन विधानसभा क्षेत्रों में महागठबंधन उम्मीदवारों की हार में अनंत सिंह एक बड़ा फैक्टर जरूर थे. पिछले लोकसभा चुनाव में भी अनंत सिंह ने ललन सिंह के लिए पूरे संसदीय क्षेत्र का दौरा कर समर्थन मांगा था. अनंत सिंह हर हाल में ललन सिंह की मदद करेंगे और आगामी लोकसभा चुनावों में ललन सिंह को भी अनंत सिंह जैसे मजबूत और कद्दावर सहयोगी की जरूरत है. पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी और मौजूदा मुंगेर सांसद वीणा देवी लगातार ललन सिंह के खिलाफ विषवमन कर रही हैं. सूरजभान और अनंत सिंह एक-दूसरे के साथ आ नहीं सकते हैं. सूरजभान और उनके समर्थक जितना ललन सिंह का विरोध करेंगे अनंत सिंह उतनी ही मजबूती और दमखम के साथ ललन सिंह के साथ खड़े रहेंगे

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