आयुष में निवेश के लिए पहले राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारियों पर बैठक
आयुष मंत्रालय स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरतों के लिए अन्य मंत्रालयों के साथ मिलकर काम कर रहा है : श्रीपद नाईक
आयुष क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से आयुष मंत्रालय 4 नवंबर,2018 को आयुर्वेद दिवस के अवसर पर पहला राष्ट्रीय आयुष निवेश सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है। नीति आयोग और औद्योगिक नीति संवर्द्धन विभाग के सहयोग से आयोजित होने वाले इस सम्मेलन के जरिए विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के तहत आने वाले सार्वजनिक उपक्रमों और निजी कंपनियों को आयुष क्षेत्र में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
सम्मेलन की तैयारियों पर केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद येसो नाईक की अध्यक्षता में 16 अक्टूबर, 2018 को एक बैठक की गई। इस अवसर पर श्री नाईक ने कहा कि आयुष उत्पादों का बाजार बढ़ाने के लिए उनके मंत्रालय ने कई पहल की हैं। इसके लिए फिक्की, सीआईआई, पीएचडी चैम्बर और एसोचैम जैसे उद्योग संगठनों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है। उन्होंने इन उद्योग संगठनों द्वारा आयुर्वेद या आयुष पर समितियां गठित करने के काम की सराहना की।
आयुष मंत्री ने कहा कि उनके मंत्रालय ने आयुष के क्षेत्र में उद्यमी तैयार करने के लिए सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके जरिए आयुष दवाओं, सौंदर्य प्रसाधनों, खाद्य पूरकों और अस्पताल उद्योग सहित पूरे आयुष उद्योग को मजबूत बनाने का प्रयास किया जाएगा और अगले एक साल में देश के विभिन्न हिस्सों में 50 आयुष उद्यमिता कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
श्री नाईक ने कहा कि उनके मंत्रालय ने चैम्पियन सेक्टर स्कीम के तहत आयुष क्षेत्र में एक लाख रोजगार के अवसर पैदा करने की बड़ी चुनौती स्वीकार की है। आयुष मंत्रालय गैर-सरकारी संगठनों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर के आयुर्वेद और आयुष अस्पताल बनाने में मदद करने के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के साथ बातचीत कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस काम के लिए उनका मंत्रालय अन्य मंत्रालयों के साथ भी संपर्क कर रहा है। उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय 5 रेलवे अस्पतालों में आयुष विंग खोलने पर सहमत हो गया है। इसी तरह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, गृह मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और श्रम मंत्रालय भी अपने अधीनस्थ अस्पतालों में आयुष विंग बना रहे हैं। आयुष अस्पताल बनाने के लिए कई सार्वजनिक उपक्रम भी आगे आए हैं।
आयुष मंत्रालय ने आयुष के प्रचार-प्रसार के लिए कई पहल की हैं। पिछले चार वर्षों के दौरान आयुष अस्पतालों में आयुष पद्धति के जरिए मरीजों के इलाज में 15.38 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में शत-प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दे दी है। आयुष और हर्बल (जड़ी बूटी संबंधी) उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण 2016-17 के दौरान वैश्विक स्तर पर ऐसे उत्पादों का निर्यात बढ़कर 401.68 मिलियन अमरीकी डॉलर पर पहुंच गया, जबकि 2014-15 के दौरान यह 354.68 मिलियन डॉलर था।