कोयला उत्पादन बढ़ाने के उपायों से 2023 तक कोयला आयात पूरी तरह खत्म होने की संभावना : श्री प्रल्हाद जोशी
केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य के मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी ने कहा है कि सरकार 2023 तक घरेलू कोयला उत्पादन को 730 मीट्रिक टन के मौजूदा स्तर से 1149 मीट्रिक टन तक बढ़ाने के उपाय कर रही है,
(केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रल्हाद जोशी कोयले पर 7वें गोलमेज सम्मेलन को संबोधित करते हुए)
जिससे कुछ आवश्यक कोयला आयात को छोड़कर बाकी कोयले के आयात को पूरी तरह खत्म किया जा सकेगा। श्री जोशी आज नई दिल्ली में कोयले पर 7वें गोलमेज सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सम्मेलन में कोयला और ऊर्जा क्षेत्र के कई विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर देने के बावजूद देश को न्यूनतम आधार भार क्षमता उत्पादन के लिए कोयला आधारित उत्पादन क्षमता की आवश्यकता होगी। वर्तमान में कोयले का प्राथमिक ऊर्जा आपूर्ति में 55 प्रतिशत और बिजली उत्पादन में लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा है। श्री जोशी ने कहा कि सरकार नई खदानें खोल रही है, मौजूदा खानों की क्षमता का विस्तार कर रही है और घरेलू कोयला उत्पादन में तेजी लाने के लिए नई निकासी संरचना का निर्माण कर रही है। उन्होंने कहा कि इस्पात क्षेत्र के लिए आवश्यक कोयले की मांग को प्राप्त करने के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) 11 नए कोकिंग कोल वॉशरीज़ को चरणबद्ध तरीके से खोलने की तैयारी में है।
श्री जोशी ने कहा कि घरेलू कोयला उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने खदान परियोजनाओं की अनुमति प्रक्रिया को आसान बनाने, केन्द्र द्वारा पूर्व अनुमति प्राप्त करने की व्यवस्था समाप्त करने, खदानों को पट्टे पर देने, परमिट देने की प्रक्रिया को सुनियोजित बनाने और भूमि अधिग्रहण, पट्टा देने तथा कोयले की निकासी के लिए जरूरी अवसंरचना तैयार करने के मामलों में राज्य सरकारों के साथ बेहतर समन्वय जैसे उपाय शामिल हैं। कोयला मंत्री ने भरोसा जताया कि आने वाले वर्षों में घरेलू कोयले की उपलब्धता बढ़ाई जा सकेगी। उन्होंने कोयले के विविध उपयोगों जैसे इसका इस्तेमाल संश्लेषण गैस बनाने और मेथनाल या उर्वरक बनाने में करने के मंत्रालय प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
इससे पहले, बिजली मंत्रालय के सचिव श्री एस.सी. गर्ग ने संसाधनों के कुशल उपयोग और उचित ऊर्जा नियोजन द्वारा कोयला निर्यातक देश बनने की दिशा में काम करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। एनएलसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री राकेश कुमार, इस्मा डीसी के अध्यक्ष श्री जी सी मृग, एनर्जी इंडिया फोरम, के अध्यक्षश्री अनिल राजदान सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने आज राजधानी दिल्ली में आयोजित सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।