Mathura-Vrindavan : एम.वी.डी.ए कार्यालय के सामने भ्रस्टाचार की अवैध ईमारत बनकर खड़ी हुई
नाम ईश्वर का.. कर्मो से निकले..कर्म हीन.. वाह रे… नमो नारायण(अवर अभियंता)
मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण में विगत कई माह पूर्व नियुक्त हुये अवर अभियंता अनिल सिंघल के क्रियाकलापों से शहर में अवैध निर्माण में बंपर बाढ़ आ गयी है और अवैध निर्माण की मॉनिटरिंग करने वाले अरविन्द कुमार द्विवेदी सचिव मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण कान में तेल डाले बैठे है। सचिव कभी अवैध निर्माण की मीटिंग नहीं लेते बल्कि अवैध कॉलोनी का नोटिस कटने पर अवर अभियंता पर दबाब बनाते हैं इस नोटिस को ख़तम करो और भ्रष्ट एम.वी.डी.ए कर्मियों को पूरा संरक्षण प्रदान कर रहे है और उसका परिणाम है कि एम.वी.डी.ए सुपरवाइजर से अवर अभियन्ता, सभी भ्रष्टाचारियों के अकण्ट में डूबे हुये है और एमवीडीए सचिव भ्रष्ट कर्मियों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है। उन्होने नियुक्ति से लेकर आज तक किसी भी सेक्टर के क्षेत्रों में कोई दौरा नहीं करते और न ही ब्यौरा लिया जाता न किसी निर्माण के मानकों की जाँच के लिए स्वयं निरिक्षण करते हैं
सूत्र बताते हैं की विगत माह पूर्व नरसी बिहार के एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट का रुख किया था फिर आवासीय में चल रहे व्यावसायिक प्रतिष्ठान में हाईकोर्ट के सख्त रुख के बाद तत्कालीन मंडलायुक्त ऋतू माहेश्वरी द्वारा अवर अभियंता अनिल सिंघल पर ठोस कार्यवाही के लिए दबाब बनाया तो उक्त मामले में उपाध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह द्वारा अवर अभियंता अनिल सिंघल की सस्पेंड की संस्तुति शासन को की थी सूत्र बताते हैं की जिसे 10 लाख रूपए देकर शासन में उस फाइल को दबा दिया गया और प्राधिकरण के अधिकारीयों को भी मोटी धनराशि देकर चुप रहने के लिए खरीद लिया गया.
सिर्फ़ तत्कालीन कमिश्नर आगरा मंडल ऋतू माहेश्वरी के ट्रान्सफर हो जाने के बाद उपाध्यक्ष ने चुप्पी साधी और सस्पेंशन की कार्यवाही को बिना शासन से जाँच हुए अनिल सिंघल को जब ऑफिस अटैच किया गया था और सस्पेंशन की कार्यवाही जो शासन को खुद की रिकमंडेशन पर भेजी थी उसे दरकिनार करते हुए उपाध्यक्ष महोदय ने समूचे प्रकरण की बिना जाँच हुए बिना शासन के कोई फैसला आए अनिल सिंघल के पैसे की ताकद पर प्राधिकरण और शासन ने घुटने टेके.
हम भ्रष्टो के…भ्रष्ट हमारे
शायद..इसी कहावत पर प्राधिकरण में कुछ कृपा प्राप्त भ्रष्टाचारी इंजीनियरों को संरक्षण मिल भी रहा है..जिस कारण उन पर कार्रवाई की चाबुक नहीं चल पा रही..
अवैध निर्माण एक नजर एक नज़र में.
1. मॉडर्न बार के मालिक के सामने प्राधिकरण के नियम मानक सब धराशाही हो जाते हैं अवैध बिल्डिंग बनाकर खड़ी कर ली गयी.
2. मिलन सिनेमा में हुआ बड़ा खेल आधा नक्शा व्यावसायिक में पास करवाकर धलल्ले से अवैध निर्माण चल रहा है.
3. भूतेश्वर रोड पर पुरातत्व विभाग के संरक्षित स्मारकों के पास बिग बॉस सलून के अवैध निर्माण पर अनिल सिंघल चुप हैं। ध्वस्तीकरण से संबंधित कई दर्जन से अधिक फाइलें आदेश के इंतजार में कार्यालय में धूल फांक रही हैं, मगर कार्रवाई की कलम नहीं चली। इतना जरूर हुआ कि जिन पर कार्रवाई का जिम्मा था, उनकी अवैध वसूली के ‘दाम’ जरूर बढ़ गए।
रिपोर्टर आकाश चतुर्वेदी मथुरा