महिलाओं की ये आदत घर को स्वर्ग बना देती है
हर कोई चाहता है मेरा अपना एक खूबसूरत घर हो, जिसकी हर एक चीज मैं अपने हाथों से सजाऊँ। परंतु यह काम अधूरा रहता है- एक साथी के बगैर। घर को सजाने-सँवारने में सबसे महत्वपूर्ण योगदान महिलाओं का होता है। कहा जाता है कि ऑफिस हो या घर, जहाँ भी पुरुषों के साथ महिलाएँ आ जाती हैं वहाँ चीजें खुद-ब-खुद सलीकेदार और व्यवस्थित हो जाती हैं।
महिलाएँ घर की शोभा होती हैं जिनके बिना घर, घर नहीं होता। वह एक निर्जीव से मकान को अपनी सूझबूझ, कल्पनाओं व प्रेम से आरामदायक आशियाने में बदल देती है, जहाँ हम सारा तनाव भूलकर सुकून के पल गुजार सकते हैं। चादर पर पड़ी सिलवटें, खूँटी पर टँगे कपड़े, मटमैले कपड़े, बिखरा सामान… यदि आप पूछेंगे कि यह घर किसका है तो जवाब मिलेगा-‘मैं अकेला यहाँ रहता हूँ’ कुछ ऐसी ही हालत रहती है उन घरों की जहाँ महिलाएँ नहीं रहतीं और पुरुष अकेले रहते हैं।
कुछ महिलाएं ऐसी होती हैं जो पैसा आने पर उसे शॉपिंग और अन्य शौक की चीजों में पानी की तरह बहा देती हैं. बल्कि कुछ ऐसी भी होती हैं जो पैसे खर्च तो करती हैं लेकिन बहुत सोच समझकर और कंजूसी के साथ. जिन महिलाओं के अन्दर पैसो की वेल्यु करने की समझ होती हैं वो ससुराल वालो के लिए बहुत लक्की होती हैं. ये महिलाएं पैसो को खर्च करने से ज्यादा उसे जोड़ने में यकीन करती हैं. इनकी की गई बचत का उपयोग मुसीबत आने पर या कोई नया कार्य आरम्भ करने पर हो जाता हैं. इस तरह ये घर के लोगो की तरक्की में बहुत बड़ा योगदान करती हैं.
परेशानी को बढ़ाने की बजाए उसका समझदारी से हल निकाल कर उसे ख़त्म कर देना एक अच्छी महिला की निशानी हैं. आप ने देखा होगा कि कई महिलाएं छोटी छोटी बात में भी राई का पहाड़ बना देती हैं. उन्हें बस लड़ाई झगड़े को बड़ा करने का बहाना चाहिए होता हैं. लेकिन इसके विपरीत कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जो हमेशा यही कोशिश करती हैं कि लड़ाई झगड़ा टल जाए या जल्द से जल्द ख़त्म हो जाए. इस तरह घर के कमाने वाले सदस्यों का माइंड हमेशा फ्रेश रहता हैं और वो कमाने की और ज्यादा फोकस कर पाते हैं.