Mahakumbh Stampede : तट पर लेटे लोगों को रौंदते चले गए लोग, मची थी चीख पुकार;
अलीगढ़ के एक युवक ने महाकुंभ में मची भगदड़ का आंखों देखा हाल बताया। उसने बताया कि भीड़ संगम तट लेटे श्रद्धालुओं को लोग रौंदते हुए चले गए। तट पर चीख-पुकार मची थी। सबसे पहले स्नान की चाहत में गंगा के किनारे पर जाकर भीड़ जम गई थी।
भारी भीड़ थी। सभी लोग तट की तरफ चले जा रहे थे। किनारे पर सो रहे लोगों के ऊपर से जब भीड़ गुजरी तो चीख-पुकार मच गई। इस हल्ले के बीच भी तमाम लोग गिर गए। भीड़ के बीच जो गिर गया वह फिर उठ ही नहीं पाया।
इसमें कई लोगों की मौत हो गई। सैंकड़ों बुजुर्ग और महिलाएं घायल हुई हैं। महाकुंभ से अलीगढ़ लौटे लोगों ने बताया कि व्यवस्थाएं सब मुकम्मल थीं लेकिन भीड़ का दबाव होने से यह हादसा हो गया।
अलीगढ़ के हर्षित वार्ष्णेय ने इस हादसे को बड़े करीब से देखा। बोले, जो देखा उसे जिंदगी भर भुलाया नहीं जा सकता। हर्षित ने बताया कि वह अलीगढ़ से अपने चार दोस्तों के साथ मंगलवार की सुबह प्रयागराज पहुंचे थे।
हम सभी लोग रात को करीब 9 बजे संगम के तट पर थे। धीरे-धीरे भीड़ बढ़ रही थी। कुछ ही देर में भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि वहां पर खड़े रहने के लिए भी मुश्किल होने लगी थी। हमने एक नाव वाले को 1100 रुपये दिए और नाव में रात बिताने के लिए मना लिया।
नाव में अन्य लोग भी पहले से सवार थे। जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया तट पर भीड़ का दबाव और भी बढ़ गया। तट पर लोग शुभ मुहूर्त के इंतजार में वहीं पर सो गए थे। इस बीच मेला प्रशासन की ओर से घोषणा हो रही थी कि तट पर जो लोग सोए हैं वह वहां से हट जाएं। तड़के में शाही स्नान के लिए अखाड़ों की सवारी आने वाली थी। इस बीच रात के करीब 1.30 बजे अचानक चीख पुकार मची। देखा कि भीड़ का एक रेला चला आ रहा है।
तट पर सोए हुए लोगों पर भीड़ चढ़ रही है। सोए हुए लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। कुछ देर तक यही स्थिति रही। हम लोग नाव से यह मंजर देख रहे थे और कुछ नहीं कर सकते थे। सुबह हादसे की खबर सुनकर परिवार वालों के फोन आने शुरू हो गए। फोन पर जब सभी की कुशलता की जानकारी हुई तो परिजनों की जान में जान आई।
बुधवार की देर शाम को सभी लोग अलीगढ़ के लिए रवाना हो रहे हैं। मामू भांजा के जीतू गुप्ता, पुनीत कुमार, अतरौली के पीयूष अग्रवाल, कनवरी गंज के पारस गुप्ता ने बताया कि भीड़ बहुत ज्यादा थी। बढ़ती जा रही भीड़ को रोकना भी तो संभव नहीं था। हमारी आंखों के सामने ही कई लोग भीड़ के बीच में फंस गए थे।
प्रयागराज में फोन कर अपनों का हाल जानने को बेचैन रहे परिजन
प्रयागराज में अलीगढ़ के करीब 200 से ज्यादा श्रद्धालु बुधवार को भी मौजूद रहे। यहां पर अलीगढ़ के दो कैंप भी लगाए गए हैं। एक कैंप डॉ. अन्नपूर्ण भारती का है दूसरा कैंप पूर्णानंद पुरी का है। इसके अलावा लोधा के अटलपुर के मोहनगिरी हितैषी का भी आह्वान अखाड़ा है। अलीगढ़ से गए हुए लोग यहीं पर रुके हुए हैं। धीरे धीरे निकलने की तैयारी है। आज सुबह जब हादसे की जानकारी हुई तो जिसका भी कोई प्रयागराज गया हुआ था वह बेचैन हो गया। जब तक बात नहीं हो गई तसल्ली नहीं हुई।
लौटे लोग बोले…हालात एकदम सामान्य हैं
बुधवार को प्रयागराज से परिवार सहित लौटे रेलवे रोड कोर्ट ऑफ वार्ड्स निवासी मनीष अग्रवाल वूल ने बताया कि बुधवार को तेजी से स्थिति सामान्य हुई। धीरे धीरे वहां से लोगों के वापस होने का क्रम जारी है। जो लोग अलीगढ़ के हैं और कैंपों में मौजूद हैं उनके रहने और खाने की व्यवस्था कैंपों में ही की गई है।
जांच समिति में अलीगढ़ नगर निगम के पूर्व आयुक्त वीके सिंह भी
हादसे की जांच के लिए सरकार ने जांच समिति गठित की है। इस जांच समिति में अलीगढ़ नगर निगम में आयुक्त रहे वीके सिंह भी शामिल हैं। तीन सदस्यीय इस समिति में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी वीके गुप्ता और इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति हर्ष कुमार शामिल हैं।
ब्यूरो रिपोर्ट , आल राइट्स मैगज़ीन