मां को नहीं तो अफजल गुरु को करोगे सलाम : वेंकैया नायडू
वंदे मातरम गाने की बाध्यता को खत्म करने का फैसला लिया है। मेयर सुनीता वर्मा ने कहा म्युनिसिपल बोर्ड के संविधान के अनुसार बैठकों के पहले राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ गाया जाएगा।वंदे मातरम गाने से इंकार की बात पर हैरानी जताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस गीत का अर्थ मातृभूमि के प्रति सम्मान व्यक्त करना है तो लोग इसे गाने से क्यों इंकार कर रहे हैं। नई दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद के दिवंगत नेता अशोक सिंघल पर पुस्तक विमोचन के मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘वंदे मातरम माने मां तुझे सलाम। क्या समस्या है? अगर मां को सलाम नहीं करेंगे तो किसको करेंगे, अफजल गुरु को करेंगे क्या?’ 2001 के दिसंबर में संसद पर आतंकी हमले में दोषी अफजल गुरु को फांसी की सजा दी गयी थी।
नायडु ने आगे कहा कि कुछ लोग इसका संकीर्ण अर्थ निकालने की कोशिश कर रहे हैं और राष्ट्रीयता पर हमला कर रहे हैं लेकिन हिंदुत्व हमारी संस्कृति और परंपरा है। नायडु ने कहा, ‘मैं लोगों को बताना चाहता हूं- भारत माता की जय एक तस्वीर मात्र नहीं है बल्कि जाति, रंग, संप्रदाय और धर्म से अलग देश में रह रहे 130 करोड़ लोगों के बारे में है। वे सभी भारतीय हैं।‘वेकैंया नायडू ने कहा कि वह चाहते हैं कि स्कूलों के पाठ्यक्रम में कृषित और संस्कृति की पढ़ाई भी हो। इसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे। उन्होंने कहा कि हिन्दी भाषा का बहुत महत्व है।