चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना
चंद्र ग्रहण पर बरेली कालेज के एसो. प्रोफ़ेसर डॉ सीताराम राजपूत ने कहा कि हमारा ब्राम्हण्ड बहुत विशाल हैं जिससे असँख्य छोटे बड़े खगोलीय पिंड गतिशील अवस्था में रहते हैं चंद ग्रहण उसी गति का परिणाम हैं, चंद ग्रहण एक खगोलीय घटना हैं
जब सूर्य चन्द्रमा और पृथ्वी चक्कर लगाते लगाते एक सीध में आ जाते हैं जिसमें पृथ्वी सूर्य औऱ चन्द्रमा के बीच होती हैं जिससे सूर्य का प्रकाश चंद्रमा पर नही पड़ता पृथ्वी सूर्य के प्रकाश को चन्द्रमा पर पड़ने से रोक लेती हैं चन्द्रमा पर सिर्फ पृथ्वी की छाया पहुँचती हैं जिस कारण से चन्द्रमा का वो भाग जिस पर छाया पड़ती हैं हमें दिखाई नही पड़ता,इस घटना को चन्द्र ग्रहण कहा जाता हैं, चन्द्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा को ही पड़ता हैं वैसे तो प्रतिदिन चन्द्र ग्रहण होता हैं जिस कारण से चंद्रमा की अलग अलग आकार की कलाए या आकृतियां बनती हैं आम तौर पर पूर्णमासी को चन्द्रमा पूरा दिखाई देता हैं किंतु किसी किसी पूर्णमासी को गति करती हुई पृथ्वी सूर्य और चन्द्रमा के बीच आ जाती हैं और पृथ्वी की छाया चन्द्रमा पर पड़ती हैं और चंद्र ग्रहण हो जाता हैं,चंद्र ग्रहण पूरे विश्व में एक साथ दिखाई नही पड़ता बल्कि पृथ्वी के उन्ही हिस्सो में चन्द्र ग्रहण दिखाई पड़ता हैं जिस भाग की छाया चन्द्रमा पर पड़ती हैं।