लखनऊ : कर्बला में सन्नाटा छाया रहा पहली बार ताजिया आपस में नहीं मिले

*कर्बला में सन्नाटा छाया रहा पहली बार ताजिया आपस में नहीं मिले

देवरिया:* खुखुन्दू  इस्लाम धर्म के अनुसार मोहर्रम का महीना पहला महीना होता हैl इस महीने में पहली तारीख से लेकर 10 तारीख तक हजरत इमाम हुसैन व हजरत इमाम हुसन की शहादत पर ताजिया रखा जाता है व बगदाद में कर्बला के मैदान में जिस तरह से यजिदियों द्वारा हजरत इमाम हसन व इमाम हुसैन को व उनके परिवार के लोगों को मानवता रूपी धर्म को दबाने के लिए कत्ल किया गया, उसी तरह उसी की याद में प्रत्येक वर्ष इस्लाम धर्म के अनुयायियों द्वारा ताजिया रखा जाता है, लकड़ी का करतब दिखाया जाता है, झारी गाया जाता है व वह मन्नत के अनुसार अपने अपने बच्चों को पायक (हदरा हुदुरी) बनाकर मन्नत को पूरा किया जाता है। माहर्रम की पहली तारीख से लेकर दसवीं तारीख तक गांव और मोहल्लों व शहरों में मनाया जाता है व विभिन्न प्रकार के करतब दिखाया जाता है, जुलूस निकाले जाते हैं। इस बार वैश्विक महामारी, कोरोना महामारी के कारण सरकार का  गाइडलाइन में लिखा गया कि जुलूस नहीं निकाले जाएंगे। जुलूस नहीं निकाले जाएंगे कर्बला में मिला नहीं लगेगा के परिपालन में पूरे क्षेत्र में
राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़ लखनऊ

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