Lucknow : उत्तर प्रदेश पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो-अनुसंधान संस्थान, मथुरा का 14वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न
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सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग उ०प्र०
(राज्यपाल सूचना परिसर )
बच्चों में अपने परिवार, समाज तथा देश के प्रति प्रेम जागृत करना अति आवश्यक होता है
पशुपालन व इससे जुड़े क्षेत्रों से उद्यमों की स्थापना करें व अपनी आर्थिक खुशहाली सुनिश्चित करे – राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल
लखनऊ : 03 फरवरी, 2025 प्रदेश की राज्यपाल एवं राज्य विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज उत्तर प्रदेश पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो-अनुसंधान संस्थान (दुवासु), मथुरा का 14वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ।
उन्होंने दीक्षांत समारोह में 129 उपाधियाँ, जिसमें 64 पशु चिकित्सा स्नातकों, 19 उपाधि जैव प्रौद्योगिकी स्नातकों, 42 स्नातकोत्तर छात्रां तथा 04 पी0एच0डी0 धारकों को उपाधियाँ तथा विशेष योग्यता वाले 13 विद्यार्थियों को 21 पदक प्रदान किये।
उन्होंने अंक तालिका व डिग्रियों को डिजी लॉकर में अपलोड किया। राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा लिखित विभिन्न पुस्तकों का विमोचन तथा डेयरी साइंस के प्रतीक चिन्ह का अनावरण भी किया।
इस अवसर पर राज्यपाल जी ने जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी को आंगनबाडी हेतु मेडिकल किट प्रदान की। उन्होंने आंगनबाडी कार्यकत्रियों को किटों का वितरण किया तथा उन्हें उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित भी किया।
कार्यक्रम में राज्यपाल जी ने प्राथमिक विद्यालय के बच्चों द्वारा कहानी, चित्रकला, कथन, भाषण आदि अन्तरविद्यालयी प्रतियोगिताओं में विजेता छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के नवाचार बकरी के दूध से बने प्रो बॉयोटिक योगर्ट की उन्होंने सराहना की। राज्यपाल जी द्वारा राजभवन से लाई गई पुस्तकों को जनपद के विभिन्न विद्यालयों हेतु भेंट किया गया।
राज्यपाल जी ने कहा कि बच्चों में अपने परिवार, समाज तथा देश के प्रति प्रेम जागृत करना अति आवश्यक होता है। हमारा तो एक ही मंत्र है कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम्‘, पूरा विश्व हमारा कुटुम्ब है, परिवार है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ साथ विद्यार्थियों के मध्य विभिन्न प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए, जिससे बच्चे अपने रूचि अनुसार अपना भविष्य चुन सकें। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों को पौष्टिक आहार प्रदान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण का प्रभाव आज हर क्षेत्र में दिखाई पड़ता है। वे सभी क्षेत्र जिन्हें पहले पुरुष प्रधान सेवाओं में गिना जाता था, वहाँ हर जगह अब महिलाएं भी सेवा दे रही हैं। देश की महिलाएं प्रगति करेंगी तो विश्व में भारत का भी सम्मान बढ़ेगा।
राज्यपाल जी ने समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में 21वीं सदी एशिया की मानी गई है और सभी को इसे भारत की सदी बनानी है एवं इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु सभी क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से काम करना होगा ताकि वांछित परिणाम प्राप्त हो सके।
इसके लिए गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ नई टैक्नोलोजी, इनोवेशन, अनुसंधान के साथ भारतीय नैतिक मूल्यों के संकलन एवं कौशल की आवश्यकता है। राज्यपाल जी ने उपस्थित विद्यार्थियों से आह्वान किया कि पशुपालन व इससे जुड़े क्षेत्रों से उद्यमों की स्थापना करें व अपनी आर्थिक खुशहाली सुनिश्चित करे।
उन्होंने कहा कि पशुपालन से देश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति मजबूत होती है। किसानों की बेहतरी के लिए नए अनुसंधान, प्रौद्योगिकी प्रसार, डिजिटल प्रसार, प्रौद्योगिकी, मवेशी संरक्षण में कम्प्यूटरीकृत मोड्स इत्यादि के लिए एक कुशल कार्यबल तैयार करने में हमारे विश्वविद्यालयएक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हममें से जो लोग गांव से जुड़े हैं, गाँव में पले-बढ़े हैं, वो जानते हैं कि भारत के गाँवों की ताकत क्या है। जो गाँव में बसा वो है, गाँव भी उसके भीतर बस जाता है। गाँव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना, ये सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने कहा कि सरकार का यह विजन है कि भारत के गाँव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गाँव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलें, उन्हें पलायन ना करना पड़े, गांव के लोगों का जीवन आसान हो इसीलिए गाँवों में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान, स्वच्छ भारत अभियान के जरिए घर-घर में शौचालय, पीएम आवास योजना के तहत अपने मकान, ग्रामीण इलाकों में करोड़ों परिवारों को जल जीवन मिशन से घर तक पीने का साफ पानी जैसी तमाम सुविधाओं को पहुँचाया गया है। पीएम किसान सम्मान निधि से किसानों को आर्थिक मदद दी जा रही है।
अब पशुपालकों और मत्स्य पालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड दिया जा रहा है। आज दुनिया ग्लोबल प्राब्लम्स के साल्यूशन्स के लिए भारत की तरफ देख रही है। आज भारत में एक बहुत बड़े रिसर्च इकोसिस्टम का निर्माण किया जा रहा है। बीते 10 सालों में रिसर्च और इनोवेशन के लिए पढ़ाई के हर स्तर पर बहुत जोर दिया गया है। आज 10 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब्स में हमारे विद्यार्थी हर रोज नए-नए एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं।
नौजवानों के इनोवेटिव आइडियाज को आगे बढ़ाने के लिए पूरे देश में सैकड़ों अटल इन्क्यूबेशन सेंटर बने हैं। पीएचडी के दौरान रिसर्च के लिए पीएम रिसर्च फेलोशिप स्कीम भी चलाई जा रही है। मल्टी डिस्पिलिनरी और अंतर्राष्ट्रीय शोध को बढ़ावा मिले, इसके लिए अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाण्डेशन में नेशनल रिसर्च फंड बनाया गया है।
हाल ही में केन्द्र सरकार ने वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन का एक और अहम फैसला लिया है, दुनिया के प्रतिष्ठित जर्नल्स तक भारत के स्टूडेंट्स की, रिसर्चर्स की पहुंच आसान हो, उन्हें खर्च ना करना पड़े ये सरकार सुनिश्चित करेगी। ये सारे प्रयास, भारत को 21वीं सदी की दुनिया का नॉलेज हब, इनोवेशन हब बनाने में बहुत मदद करेंगे।
राज्यपाल जी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा श्यूनिफाइड जीनोमिक चिप लॉन्च की चर्चा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले मवेशियों की पहचान करने में मदद करना और भारत में डेयरी फार्मिंग की दक्षता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत में हमारी कल्पना एक ऐसे भारत की है जो आर्थिक, सामरिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त होगा। जहां इकोनॉमी भी बुलंद होगी और इकोलॉजी भी समृद्ध होगी। जहां अच्छी पढ़ाई, अच्छी कमाई के ज्यादा से ज्यादा अवसर होंगे, जहां दुनिया की सबसे बड़ी युवा स्किल्ड मैनपावर होगी। जहां युवाओं के पास अपने सपने पूरा करने के लिए खुला आसमान होगा।
उन्होंने कहा कि भारतीय युवाओं के सामर्थ्य की पूरी दुनिया लोहा मानती है। पिछले 10 वर्षों में ही भारतीय युवाओं के अभूतपूर्व योगदान से भारत स्टार्टअप लगाने में, मैन्यूफैक्चरिंग में, डिजिटल क्रान्ति में, खेलों में और ऐसे कई क्षेत्रों में अग्रणी देशों में गिना जाने लगा है। आज के युवाओं का सामर्थ्य बढ़ाने के लिए भारत में नए विश्वविद्यालय, नए आई0आई0टी0 बनाये जा रहे हैं। क्यूएस रैंकिंग में भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों की बढ़ती संख्या, भारत की शिक्षा संस्थानों का बढ़ता हुआ ये सामर्थ्य, विकसित भारत का बहुत बड़ा आधार है। उन्होंने कहा कि हाल ही में उनके द्वारा गोवा का दौरा किया गया था, जहां विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों द्वारा संयुक्त रूप से शोध कार्यों को किया जा रहा था। हमें भारत के साथ साथ विश्वस्तरीय विश्वविद्यालयों से भी स्पर्धा करनी है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना से कम पैदावार वाले क्षेत्रों में आधुनिक तकनीको का उपयोग करके कृषि उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। केन्द्रीय बजट में किसानों को तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की गई। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए बाजार से जोड़ दिया गया है।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अनिल कुमार श्रीवास्तव, मुख्य अतिथि नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद, जिला प्रशासन के अधिकारीगण, विद्यार्थीगण आदि मौजूद रहे।
संपर्क सूत्रः
डॉ0 संगीता चौधरी-सूचना अधिकारी/राजभवन
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गोपाल चंद्र अग्रवाल संपादक आल राइट्स न्यूज़