अयोध्या में 2023 अंत तक नव निर्मित मंदिर में विराजेंगे भगवान रामलला
अयोध्या में राममंदिर का निर्माण कार्य अपनी योजना के अनुसार निर्बाध गति से चल रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो वर्ष 2023 के दिसंबर अंत तक भगवान रामलला अपने अस्थाई फाइवर वाले आसन से निकल नवनिर्मित राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद आम जनता को दर्शन के लिए सुलभ हो सकेंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यह साफ कर दिया है कि अयोध्या में दिसम्बर 2023 माह के अंत तक नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला का दर्शन कर सकेंगे। राम मंदिर ट्रस्ट और निर्माण समिति की बैठक में इस बात पर भी विचार हुआ कि अगर एक साथ लाखों लोग दर्शन करने आ गए तो उन सभी भक्तों को कैसे दर्शन कराया जाएगा क्योंकि अयोध्या में पड़ने वाले प्रमुख मेले में लगभग 5 लाख से ज्यादा राम भक्त दर्शन करना चाहेगे । ऐसे में हर एक राम भक्तों को अपने प्रभु श्री राम के दर्शन करने में कोई समस्या ना हो इसका भी ध्यान रखा जाएगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने यह साफ कर दिया है कि राम मंदिर की नींव का जो थोड़ा बहुत कार्य बचा है उसे 15 सितंबर 2021तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद भरी गई नीव में प्लिंथ ऊंचा करने अर्थात जहां से मिर्जापुर के पत्थरों का उपयोग होगा। वह कार्य अक्टूबर माह के अंत तक शुरू होगा जबकि दिसम्बर 2023 तक राम मंदिर के भूतल की स्थापना और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो जाएगी। राम मंदिर निर्माण कार्य का प्रथम चरण जैसे जैसे पूरा हो रहा है, आगे निर्माण के तरीकों को लेकर हर कोई जानना चाहता है। राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार नीव का कार्य सितंबर में समाप्त होने के बाद अक्टूबर में शुरू होने वाले प्लिंथ के कार्य मे मिर्जापुर के लगभग 4 लाख घनफुट पत्थरों का भी उपयोग होगा। प्लिंथ का कार्य पूरा होने के बाद मंदिर के भूतल का कार्य शुरू होगा।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में यह चर्चा भी हुई कि अगर किसी दिन मंदिर में दर्शनार्थी की संख्या 1 लाख से लेकर 5 लाख हुई तो राम भक्तों को बिना कोई परेशानी के कैसे दर्शन सुलभ हो सकेगा। राम मंदिर ट्रस्ट को अनुमान है 2023 तक श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भूतल का कार्य पूरा हो जाएगा और रामलला अपने भव्य और दिव्य मंदिर में प्राण प्रतिष्ठित हो जाएंगे। राम मंदिर ट्रस्ट का अनुमान है कि राम मंदिर बनने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या आएंगे।
इसके साथ ही अयोध्या में और मूलभूत सुविधाएं जुटाने के लिए निजी शेत्र में भी प्रत्येक सेक्टर के लिए देश के प्रमुख उद्योगपतियों व लोकल उद्योगपतियों को नवंबर माह के पहले सप्ताह में होने वाली इंवेर्स्ट्स समिट में भाग लेने के लिए आमंत्रण भेजा गया था।अभी तक कुल 103 कंपनियों व समूहों को निमंत्रण भेजा गया था जिसमें से अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक कंपनियों ने आने की सहमति दी है। अयोध्या में विश्वस्तरीय पर्यटन, सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के लिए लगभग 25 हजार करोड़ की योजनाएं प्रस्तावित है। इसमें अधिकांश योजनाओं को केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से सहमति प्रदान की जा चुकी है। साथ ही निजी शेत्र को भी बढावा दिय्या जाना है। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के निर्देश के बाद अयोध्या विकास प्राधिकरण तैयारी में लगा हुआ है। इसके लिए बाहर विशेष क्षेत्रों का चयन किया गया है। जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, होटल हॉस्पिटेलिटी, रत्न एवम आभूषण, शहरी यातायात, कृषि उत्पाद, कूड़ा निस्तारण, रियल स्टेट, फिल्म व टेलीविजन, स्टार्ट अप, नेचुलरल रिसोर्स व स्किल डेवलपमेंट आदि सेक्टर को रखा गया है। स्मरण रहे भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने भी 29 अगस्त 2021 रविवार को रामलला के समक्ष शीश झुकाकर हाथ जोड़कर प्रणाम किया। सपत्नीक रामलला के दर्शन कर आरती की। श्री राम नाथ कोविद प्रथम राष्ट्रपति हैं जिन्होंने रामलला के दर्शन किए। साथ ही राममंदिर परिसर में निर्माण कार्य की प्रगति देखी। रुद्राक्ष का पौधा भी रोपा था। श्री राम मंदिर तीर्थ शेत्र ट्रस्ट ने उन्हें राम मंदिर का मॉडल दिया गया। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा भी उनके साथ रहे। राष्ट्रपति प्रेसिडेंशियल ट्रैन से सुबह अयोध्या पहुंचे थे। राष्ट्रपति राम नाथ कोविद ने राम राम कहकर अयोध्या के प्रमुख लोगो से भेंट की। इसके बाद रामकथा पार्क में रामायण कॉन्क्लेव का उदघाटन किया। 42 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। अब इससे वैश्विक स्तर पर श्रीराम पर शोध का मार्ग खुल गया। राष्ट्रपति राम नाथ कोविद ने 16.82 करोड़ रुपये की अयोध्या शोध संस्थान के तुलसी स्मारक भवन की आधुनिकीकरण परियोजना का शिलान्यास किया। इसके जरिए राम लीला, श्रीराम पर शोध के कार्यों को बल मिलेगा। बताया गया कि राष्ट्रपति ने 15.47 करोड़ की लागत से बने नवनिर्मित अयोध्या बस स्टैंड, सरयू नदी को और आकर्षक बनाने वाले 9.73 करोड़ की लागत से 180 मीटर नवनिर्मित लक्ष्मण किला घाट का भी लोकार्पण भी किया था।
बरेली से निर्भय सक्सेना की रिपोर्ट !