टिड्डी नियंत्रण अभियान 11 अप्रैल से 8 अगस्त 2020 तक 10 राज्यों में 5.22 लाख हेक्टेयर से भी अधिक क्षेत्र में चलाए गए
टिड्डी नियंत्रण अभियान 11 अप्रैल से 8 अगस्त 2020 तक 10 राज्यों में 5.22 लाख हेक्टेयर से भी अधिक क्षेत्र में चलाए गए
एफएओ के नवीनतम अपडेट के अनुसार, रेगिस्तानी टिड्डी झुंड पूर्वी अफ्रीका के कई देशों एवं यमन और भारत-पाक सीमा के दोनों ओर निरंतर बने रहते हैं
टिड्डी नियंत्रण अभियान 11 अप्रैल 2020 से शुरू होकर 8 अगस्त 2020 तक टिड्डी वृत्त कार्यालयों (एलसीओ) द्वारा राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में 2,58,406 हेक्टेयर क्षेत्र में चलाए गए हैं। इसी तरह टिड्डी नियंत्रण अभियान 9 अगस्त 2020 तक राज्य सरकारों द्वारा राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड और बिहार में 2,64,491 हेक्टेयर क्षेत्र में चलाए गए हैं।
टिड्डी नियंत्रण अभियान कल दिन और रात के समय एलसीओ द्वारा राजस्थान के 7 जिलों यथा बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, नागौर, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर में 46 स्थानों पर चलाए गए हैं। इसी तरह गुजरात के कच्छ जिले में 01 स्थान पर एलसीओ द्वारा पतिंगा (हॉपर) और कुछ इधर-उधर बिखरे हुए वयस्कों के खिलाफ नियंत्रण अभियान चलाया गया।
वर्तमान में छिड़काव वाहनों के साथ 104 नियंत्रण दल राजस्थान एवं गुजरात में तैनात किए गए हैं और केंद्र सरकार के 200 से अधिक कर्मचारी टिड्डी नियंत्रण कार्यों में लगे हुए हैं। इसके अलावा, राजस्थान में बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी में 15 ड्रोन को कीटनाशकों के छिड़काव के माध्यम से ऊंचे पेड़ों एवं दुर्गम क्षेत्रों पर प्रभावकारी टिड्डी नियंत्रण के लिए तैनात किया गया है। ड्रोन का उपयोग पतिंगा नियंत्रण में भी किया जाता है। आवश्यकता के अनुसार राजस्थान में अनुसूचित रेगिस्तान क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण के लिए एक बेल हेलीकॉप्टर को हवाई छिड़काव के लिए तैनात किया गया है। टिड्डी नियंत्रण में हवाई छिड़काव के लिए भारतीय वायु सेना भी Mi-17 हेलीकॉप्टर का उपयोग करके परीक्षण कर रही है।
गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा में कोई खास फसल नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, राजस्थान के कुछ जिलों में मामूली फसल नुकसान होने की सूचना है।
कल (09.08.2020) राजस्थान के बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चूरू, नागौर, हनुमानगढ़ एवं श्रीगंगानगर जिलों और गुजरात के कच्छ जिले में पतिंगा और/ अथवा इधर-उधर बिखरी कुछ वयस्क टिड्डियां सक्रिय थीं।
खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के 7 अगस्त, 2020 के नवीनतम अपडेट के अनुसार रेगिस्तानी टिड्डी झुंड पूर्वी अफ्रीका के कई देशों एवं यमन में निरंतर बने रहते हैं और भारत-पाक सीमा के दोनों ही ओर ग्रीष्मकालीन प्रजनन जारी है।
दक्षिण-पश्चिम एशियाई देशों (अफगानिस्तान, भारत, ईरान और पाकिस्तान) की रेगिस्तान टिड्डी पर साप्ताहिक आभासी बैठक एफएओ द्वारा आयोजित की जा रही है। दक्षिण-पश्चिम एशियाई देशों के तकनीकी अधिकारियों की 20 आभासी बैठकें अब तक आयोजित की गई हैं।
1. | राजस्थान के नागौर के देवगढ़_मकराना में एलडब्ल्यूओ अभियान |
2. | राजस्थान के बीकानेर के तेजारसर में बड़ी संख्या में हॉपर को नष्ट किया गया |
3. | राजस्थान के चुरू में छुजासर_बिनासर में अनेक मृत हॉपर |
4. | राजस्थान के नागौर में देवगढ़_मकराना में मृत हॉपरों की एक खाई |
5. | राजस्थान के बीकानेर में लालमदेसर_छोटा नोखा में मृत हॉपरों का ढेर |
6. | गुजरात के भुज के कटवंध में एलडब्ल्यूओ वाहन अभियान में शामिल |
7. | राजस्थान के हनुमानगढ़ के जोरावरपुर_नोहर में एलडब्ल्यूओ अभियान |
8. | राजस्थान के हनुमानगढ़ के कांसर_नोहर में छिड़काव कार्य प्रगति पर |