21 जुलाई, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड और बिहार के 3,83,631 हेक्टेयर क्षेत्र में चलाया गया टिड्डी नियंत्रण अभियान

21 जुलाई, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड और बिहार के 3,83,631 हेक्टेयर क्षेत्र में चलाया गया टिड्डी नियंत्रण अभियान


राजस्थान और गुजरात में टिड्डी नियंत्रण अभियान के लिए राज्य सरकारों के कर्मचारियों के अलावा तैनात किए गए हैं स्प्रे युक्त 104 केन्द्रीय नियंत्रण दल

एफएओ के ताजा लोकस्ट स्टेटस अपडेट से संकेत मिलता है कि आने वाले हफ्तों में हॉर्न ऑफ अफ्रीका से पूर्व की ओर झुंड के पलायन का जोखिम बना हुआ है

टिड्डी सर्कल कार्यालयों (एलसीओ) द्वारा 11 अप्रैल, 2020 से 21 जुलाई, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्यों में 1,95,450 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया गया। वहीं राज्य सरकारों द्वारा 21 जुलाई, 2020 तक राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब, गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हरियाणा, उत्तराखंड और बिहार राज्यों में 1,88,181 हेक्टेयर क्षेत्र में नियंत्रण अभियान चलाया गया।

21-22 जुलाई, 2020 तक एलसीओ द्वारा राजस्थान के 11 जिलों जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चुरू, सीकर, नागौर, जयपुर, पाली, हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर के 29 स्थानों पर नियंत्रण अभियान चलाया गया था। इसके अलावा, राजस्थान राज्य कृषि विभागों ने भी 21-22 जुलाई, 2020 की रात को दौसा जिले के 2 स्थानों पर टिड्डियों के छोटे समूहों और बिखरे हुए झुंडों पर नियंत्रण अभियान चलाया गया।

वर्तमान में, राजस्थान और गुजरात में स्प्रे वाहनों से युक्त 104 नियंत्रण दल तैनात किए जा चुके हैं, वहीं 200 से ज्यादा केन्द्र सरकार के कर्मचारी टिड्डी नियंत्रण अभियान में लगे हुए हैं। इसके अलावा, राजस्थान के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, नागौर और फलोदी जिलों में ऊंचे पेड़ों और दुर्गम क्षेत्रों में कीटनाशकों के छिड़काव के माध्यम से टिड्डियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए 5 कंपनियों के माध्यम से 15 ड्रोन तैनात किए जा चुके हैं। अधिसूचित रेगिस्तानी क्षेत्रों में आवश्यकता के आधार पर उपयोग के लिए राजस्थान में एक बेल हेलीकॉप्टर भी तैनात कर दिया गया है। भारतीय वायु सेना ने टिड्डी रोधी परिचालन में एमआई-17 हेलीकॉप्टर के उपयोग का परीक्षण किया। नतीजे काफी उत्साहजनक रहे हैं।

गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार और हरियाणा में फसलों को कोई खास नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि, राजस्थान के कुछ जिलों में फसलों को मामूली नुकसान दर्ज किया गया है।

आज (22.07.2020), राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, बीकानेर, चुरू, सीकर, नागौर, जयपुर, पाली, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और दौसा जिलों में अपरिपक्व गुलाबी टिड्डियों और वयस्क पीली टिड्डियों के झुंड सक्रिय हैं।

1. राजस्थान के 4डी एल एम पुगल-बीकानेर, राजस्थान में एलडब्ल्यूओ का टिड्डी नियंत्रण अभियान।

2. राजस्थान के ग्राम जैतारण जिला-पाली में एलडब्ल्यूओ का टिड्डी नियंत्रण अभियान।

3. राजस्थान के धानी मोडपट्टी-दौसा, में एलडब्ल्यूओ का टिड्डी नियंत्रण अभियान।

4. राजस्थान के दूदू-जयपुर में ड्रोन के द्वारा चलाया गया टिड्डी नियंत्रण अभियान।

5. राजस्थान के रावतसर-हनुमानगढ़, में एलडब्ल्यूओ द्वारा चलाया गया टिड्डी नियंत्रण अभियान।

6. टिड्डी नियंत्रण अभियान से पहले गोटन-नागौर, राजस्थान में मौजूद एक टिड्डियों का समूह।

7. राजस्थान के गोटन मेड़ता-नागौर, राजस्थान में मृत टिड्डियों का एक झुंड।

खाद्य और कृषि संगठन के 21.07.2020 के टिड्डी स्टेटस अपडेट के अनुसार, आने वाले हफ्तों में हॉर्न ऑफ अफ्रीका से टिड्डियों के देशांतर गमन करने की आशंका है। उत्तरी सोमालिया में टिड्डियों के झुण्ड उत्तरी इलाके में पूर्व की ओर बढ़ रहे हैं, इसलिए इस महीने टिड्डी सीमित संख्या में हिंद महासागर के रास्ते भारत-पाकिस्तान के सीमावर्ती क्षेत्र का रुख करेंगी।

नीचे दिए गए चित्र से जुलाई, 2020 के लिए रेगिस्तानी टिड्डी वैश्विक अनुमान प्रदर्शित होता है।

स्रोत : http://www.fao.org/ag/locusts/common/ecg/75/en/200708forecastE.jpg

एफएओ द्वारा दक्षिण-पश्चिमी एशियाई देशों (अफगानिस्तान, भारत, ईरान और पाकिस्तान) की रेगिस्तान टिड्डियों पर साप्ताहिक आभासी बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। दक्षिण-पश्चिमी एशियाई देशों के तकनीकी अधिकारियों की अभी तक 15 आभासी बैठकें हो चुकी हैं।

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