जानें क्यों, तीस हजारी कोर्ट ने कांग्रेस प्रदेश ऑफिस कुर्क करने का आदेश दिया
दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट ने 94,82,805 रूपये की अदायगी नहीं करने के मामले में दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी केे ऑफिस को कुर्क करने का आदेश दे दिया हैं। कोर्ट ने ये फैसला DPCC ऑफिस बनवाने के लिए वर्ष 2001 में टेंडर निकाले गए थे। बिल्डिंग बनाने का ठेका वीजी कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला।
सोमवार को पीड़ित विनोद गोयल ने बताया कि जब वो अपने साथ कुछ लोगों को लेकर13 प्रदेश का कांग्रेस कार्यालय पहुंचें, तो पहले से ही प्रदेश कांग्रेस ऑफिस का ताला लगा कर पूरा स्टाफ वहां से गायब हो गया । लेकिन खबर फैलते ही बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश कार्यालय के बाहर पहुंच गए थे ।
कंपनी ने वर्ष 2003-2004 में ऑफिस बनाकर तैयार कर दिया। जब ऑफिस बन रहा था तब डीपीसीसी के अध्यक्ष रामबाबू शर्मा व दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित थीं। कंपनी के प्रोपराइटर विनोद गोयल के मुताबिक ऑफिस बन गया, लेकिन उनका पैसा रामबाबू शर्मा और शीला दीक्षित के बीच टकराव के कारण फंस गया।
उन्होंने पैसे निकालने की काफी कोशिश की लेकिन कुछ नहीं हुआ। 2005 में उन्होंने हाई कोर्ट में शिकायत की। हाई कोर्ट ने केस तीस हजारी कोर्ट भेज दिया। 13 वर्ष तक चली लड़ाई के बाद कोर्ट ने 6 जनवरी 2017 को DPCC को 94,82,805 रुपये वीजी कंस्ट्रक्शन को देने का आदेश दिया।
इसके बावजूद पैसा नहीं मिला तो कंपनी फिर कोर्ट पहुंची। जिसके बाद तीस हजारी कोर्ट के सेशन जज सुनील बेनीवाल ने 23 फरवरी 2018 को DPCC के ऑफिस को कुर्क करने के आदेश दिए ।
दिल्ली पुलिस और DPCC को कुर्की वारंट की तामील करा दी गई है। वहीं, प्रदेश कांग्रेस के मुख्य मीडिया प्रभारी मेहंदी माजिद ने कहा कि हमें इस बारे में जानकारी नहीं है।