नेतृत्व को हार और विफलताओं की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए : गडकरी
23 रविवार 2018(रविवार)
दिल्ली: नितिन गडकरी ने कहा कि नेतृत्व को हार और विफलताओं की भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए. जबकि सफलता की तरह कोई विफलता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहता. गडकरी ने कहा, सफलता के कई दावेदार होते हैं लेकिन विफलता में कोई साथ नहीं होता. सफलता का श्रेय लेने के लिये लोगों में होड़ रहती है लेकिन विफलता को कोई स्वीकार नहीं करना चाहता, सब दूसरे की तरफ उंगली दिखाने लगते हैं.
पुणे जिला शहरी सहकारी बैंक असोसिएशन लिमिटेड द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि राजनीति में जब भी हार होती है तब कमेटी बैठती है लेकिन जब जीत मिलती है तो कोई पूछने वाला नहीं होता है. क्योंकि जीत के सभी हकदार होते हैं, हार की जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं होता.
नितिन गडकरी ने कहा के राजनीति में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद प्रत्याशी मिलने पर बहाना बनाते हैं कि पोस्टर नहीं मिला, पार्टी से पैसा मांग रहा था तो नहीं दिया. बड़े नेता की सभा मांगी थी तो वो भी नहीं हुई, कैंसिल कर दी. इस प्रकार सारा वातावरण खराब कर दिया और इन सब कारणों की वजह से हार हुई है. गडकरी बोले, मैंने ऐसे नेताओं से कहा कि आप चुनाव हारे क्योंकि इसमें पक्ष और आप खुद लोगों का विश्वास पाने में पीछे रह गए और इसलिए आपकी हार हुई. इसलिए अपने हार की जिम्मेदारी खुद लो दूसरो पर जिम्मेदारी मत डालो.
नितिन गडकरी ने कहा कि हार का क्रेडिट लेने की हिम्मत नेतृत्व में होनी चाहिए और जब तक नेतृत्व हार का क्रेडिट खुद के कंधों पर नहीं लेगा, तब तक संस्था के प्रति उनकी लॉयल्टी और कटिबद्धता सिद्ध नहीं होगी.