बरेली फतवा देने बालो पर मुकदमा दर्ज
बरेली में समाजसेवी और आला हजरत खानदान की बहू की निदा खान की तहरीर पर फतवा जारी करने वालो के ख़िलाफ़ बारादरी थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
वही निदा ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने कमजोर धाराओं में मुकदमा लिख रश्म अदायगी की है। उन पर देश द्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। निदा खान की तहरीर पर बरेली के बारादरी थाने में दरगाह आला हजरत के शहर इमाम मुफ़्ती खुर्शीद आलम, शहर काजी मुफ़्ती अफजाल रजवी, और निदा के शौहर शीरान रज़ा के खिलाफ आईपीसी की धारा 295 ए जानबूझ कर धार्मिक विश्वासों का अपमान करने, 505 (2) समाज मे वैमनस्यता फैलाने, 504 शांतिभंग के इरादे से जानबूझकर अपमान करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। ये सभी धाराएं जमानती धाराएं है जिनमे अधिकतम 5 साल की सजा हो सकती है।
निदा का कहना है कि दरगाह से जो फतवा जारी किया गया था उनसे मौलिक अधिकारों का हनन हुआ था। निदा के खिलाफ जारी किए गए फतवे में उनका हुक्का पानी बन्द, बीमार पड़ने पर दवा न देना, उनके मरने पर कब्रिस्तान में दफनाने पर भी रोक लगाकर उन्हें इस्लाम से ख़ारिज कर दिया गया था। निदा के मुताबिक जब 2005 में सुप्रीम कोर्ट फतवों को अवैध घोषित कर चुका है तो ये तो कोर्ट की अवमानना हुई। और फतवे से जो उन पर पाबंदियां लगाई गई उससे ऐसे धर्म के ठेकेदारों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। उनका कहना है वो इस बारे में पुलिस के आला अधिकारियों से बात करेगी और गिरफ्तारी की भी मांग करेगी। वही मीडिया में फजीहत होने के बाद इस बारे में शहर इमाम खुर्शीद आलम ने कैमरे पर कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया लेकिन दरगाह का पक्ष रखने के लिए उन्होंने दूसरे मौलाना से बात करवाई।
इस मौलाना जीशान का कहना है कि फ़तवा निदा ही नही बल्कि उन सभी मर्द और औरतों के लिए है जो अल्लाह के बनाये कानून की मुखालफत करते है वो सभी इस्लाम से ख़ारिज हो गए है और वो सभी काफिर है। उन्होंने कहा जो भी फतवे दिए गए है वो बिल्कुल दुरुस्त है अगर फतवे देने की बुनियाद पर फ़तवा देने वालो को जेल में रखा जाएगा तो फिर सारे लोग जेल में चले जायेंगे तो फ़तवा कौन देगा। जब कानून की गिरफ्त में फ़तवा देने वाले आ जायेंगे तो फिर शरीयत का बहुत नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि जो शरीयत में है वही फ़तवा दिया गया है इसलिए फ़तवा बिल्कुल सही है। हलाला कुरान और हदीस में है और निदा या कोई भी जो उसे नही मानेगा वो काफिर हो जाएगा वो इस्लाम से खारिज हो जाएगा फिलहाल पहली बार ही सही लेकिन पुलिस ने धर्म के ठेकेदारो आला हजरत दरगाह के शहर काजी, शहर इमाम पर मुकदमा लिख कर कानून की ताकत दिखा दी है।