लहरा उठा परचमे नियाजि़या, शुरू हुआ उर्स 07 फरवरी 2019 से !
16 फरवरी 2019 तक जारी रहेगा। आज परचम कुशाई का जुलूस
निकला। बड़ी से बड़ी संख्या में पहुंचे लगे, ज़ायरीन
और अदबी शखसियतों और नामचीन फनकारों का
जमाबड़ा।
बरेली ख़्वाजा कु़तुब स्थित विश्व विख्यात ख़ानकाहे आलिया
नियाजि़या पर आज परचम-ए-नियाजि़या लहरा उठा है। इसी के साथ
यहां कु़तबे आलम शाह नियाज़ बेनियाज़ अहमद चिश्ती क़ादरी
(र0अ0) का उर्स शुरू हो गया है।
ख़ानकाह-ए-आलिया नियाजि़या के सज्जादानशीन हज़रत शाह
मुहम्मद हसनैन उर्स हसनी मियां साहब ने परचम कुशाई की रस्म
अदा करते हुए दस रोज़ा उर्स का एलान किया।
सिलसिले-ए-नियाजि़या के संस्थापक विश्व विख्यात अज़ीम सूफी
बुजु़र्ग कु़तबे आलम हज़रत मौलाना शाह नियाज़ अहमद साहब
कि़बाल क़ादरी चिश्ती (रूहानी उत्ताराधिकारी गौस-ए-आज़म
ख़्वाजा गरीब नवाज़) का दस रोज़ा उर्स 06 फरवरी से शुरू हो रहा
है जो16 फरवरी तक जारी रहेगा। उर्स की तमाम तक़रीबात अपनी
पूरी शानो शौकत और क़दीमी रिवायात के साथ हज़रत शाह
मो0 हसनैन उर्फ हसनी मियां साहब कि़बला सज्जादा नशीन
ख़ानकाहे आलिया नियाजि़या की जेरे सरपरस्ती में मुनअकिद
होंगी। दस रोज़ा उर्स में लगातार खानकाही रिवायत के
मुताबिक लंगर जारी रहेगा। सुबह रोज़ाना ख़ानकाह के महफिले
खाने में कुरआन ख़्वानी की रूहानी महफिल सजेगी और रात के
बाद नमाजे़ इशा हिन्दुस्तान के मशहूरों व मारूफ कव्वाल
नज़राना-ए-अक़ीदत पेश करेंगे। इसमें सुफियाना कलाम भी
पेश किये जायेंगे। इसके अलावा तमाम ज़ायरीन चादरपोशी और
गुलपोशी करेंगे। उर्स में शिरकत करने के लिए हिन्दुस्तान के
कोने-कोने से और विदेशों से तमाम धर्मां के
अक़ीदतमन्द शिकरत करने के लिए ख़ानकाहे नियाजि़या में पहुंच
रहे हैं। इस बार जायरीन की भारी तादाद को देखते हुए उनकी
सहूलियत का भी खास ख्याल रख गया है। इस बार मौके पर जिला
इन्तज़ामियां में भी खास इन्तज़ाम किया है।
इससे पूर्व परचम-ए-नियाजि़या का जुलूस नौमेहला स्थित
दरगाह नासिर मियां से रवाना हुआ यहां पहले फातेहा हुई,
सलातो सलाम पढ़ा गया, बाद इसके अन्जुमन-ए-साबरिया चिश्तिया के
तत्वावधान में परचम का जुलूस ख़ानकाहे नियाजि़या के प्रबन्धक
शब्बू मियां नियाज़ी की क़यादत में रवाना हुआ। वहीं जुलूस
का स्वागत फैज़ाने नियाजि़या वैलफेयर सोसायटी के बानी
डॉ0 कमाल मियाँ नियाज़ी ने फूलो का हार पहनाकर और
फूलो की वर्षा करके जुलूस का स्वागत किया।
यह जुलूस कोतवाली, कुतुबखाना, बड़ा बाज़ार होते हुये
ख़ानकाहे नियाजि़या पहुंचा इस जुलूस में खासतौर से
ख़ानकाहे नियाजि़या के साहबजादे अम्मार मियां नियाज़ी,, हस्सान
मियां नियाज़ी, उमर मियां नियाज़ी, पाशा मियां नियाज़ी, दरगाह
नासिर मियां के ख़ादिम वसीम साबरी, कमाल साबरी, वकील अहमद,
शाहिद साबरी हाजी तारिक, सय्यद यावर अली नियाज़ी, आफताब नियाज़ी,
सय्यद मुनाजि़र अली नियाज़ी, वसीम नियाज़ी, मो0 अदीब नियाज़ी,
हसीन नियाज़ी, पुराने शहर के कई अंजुमने भी शामिल हुई।
जुलूस के ख़ानकाहे नियाजि़या पहुंचने पर सज्जादा नशीन हज़रत
शाह मोहम्मद हसनैन उर्फ हसनी मियां साहब कि़बला और नयाब
सज्जादा अल्हाज हज़रत मेंहदी मियां साहब कि़बला व ख़ानकाहे
नियाजि़या के तमाम साहबज़ादगान ने मुरीदों के साथ जुलूस का
इस्तक़बाल किया। इसके बाद ही परचम कुशाई की रस्म अदा की
गई। उर्स की शुरूआत सुबह कुरआन ख़्वानी से हुई। इसके बाद
दरगाह शरीफ पर लोगों की हाजि़री का सिलसिला शुरू हो गया।
दोपहर में फातेहा के बाद लंगरखाना खोल दिया गया। शब्बू
मियां ने ख़ानकाहे नियाजि़या के तमाम साहबज़ादों के साथ
उर्स की सारी व्यवस्थाओं का स्वयं जायेज़ा लिया। ज़ायरीनों
के आने का सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी रहा। शब्बू मियां के
निजी सचिव मौलाना कासिम नियाजी ने बताया तमाम तक़रीबात में
शिरकत करने के लिए देश-विदेश की ख़ानकाहो के सज्जादगान,
मशाइख,प्रोफेसर, डाकटर्स, लेखकर, बुद्विजीव आादि नजराने
अकीदत पेश करने के लिए पहुंच रहे हैं। वही कल से शास्त्रीय
संगीत के फनकारो का भी आना शुरू हो जायेगा।