क्या नींद न आना गंभीर समस्या है
कई लोगों की शिकायत रहती है कि उन्हें नींद नहीं आती. नींद नहीं आने के कुछ कारण हैं जिन्हें दूर कर दिया जाए तो नींद आ सकती है. इसका मुख्य कारण है मानसिक अशांति. यह एक गम्भीर समस्या है. आज के समय में मन का संतुलन क्रोध, लोभ, मोह तथा मद इन चारीं में से किसी भी कारणवश बिगड़ सकता है. इन पर संयम रखना ज़रूरी हैं. दूसरा कारण कब्ज़ है. इसके उपचार के लिए नियमित लघु आहार, लघु व्यायाम तथा एनिमा आदि का प्रयोग करना चाहिए. रात को देर से सोने, खाने तथा अधिक मात्रा में गरिष्ठ भोजन करने से बेचैनी होती है, सपने आते है और नींद में बाधा पहुँचती हैं. पानी कम पीने में आता हैं इससे भोजन पच नहीं पाता हैं. उदर व मानसिक रोग हो जाते हैं. अधिकतर इससे कब्ज़ होती है तथा बेचैनी अधिक होती हैं. बेचैनी की अवस्था में आए स्वप्न व्यक्ति की आराम की क्रिया को प्रभावित करते हैं.
देर से भोजन करने से रात को दो-तीन बजे ही नींद टूट जाती हैं. आहार का स्टार्च और शर्करा यकृत में पहुँचते हैं, वहा यह ग्लाइकोजन में परिवर्तित होता हैं. यह क्रिया खाना खाने के तुरंत बाद ही शुरू हो जाती हैं. भोजन के छ घंटे बाद यकृत स्वनिर्मित ग्लाइकोजन को रक्तधारा में भेजना प्रारम्भ करता हैं. यह ग्लाइकोजन मस्तिष्क को उत्तेजना देता हैं. शाम को भोजन सात बजे तक करें. दस साढ़े दस बजे सो जाने से नींद में कोई बाधा नहीं रहती. दिन में पूर्ण संतुलित आहार तथा रात्री में हल्का और सुपाच्य भोजन ग्रहण करना चाहिए. एक समृद्ध जीवन के लिए अच्छा स्वास्थ्य होना बहुत ही आवश्यक हैं.