क्या मुशर्रफ लश्कर समर्थक है
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि वे प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सबसे बडे समर्थक हैं. इतना ही नहीं, यह संगठन भी उन्हें बहुत पसंद करता है. इस विवादित और चौंकाने वाले बयान के बाद पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी नीतियों पर सवाल उठने लगे हैं. राजनीति के जानकारों का कहना है कि यह विवादित बयान पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने जान-बूझकर दिया है. इस बयान से उन्हें बहुत फायदा हो सकता है. एक तो पाकिस्तान में उन्हें देशभक्ति का तमगा मिलता है, साथ ही पाकिस्तान कोर्ट में उनके खिलाफ चल रहे मामलों में रियायत या कटौती की उम्मीद भी बंधती है.
परवेज मुशर्रफ ने यह विवादित बयान एक टीवी चैनल पर साक्षात्कार के दौरान दिया है. उन्होंने कहा था कि मैं लश्कर-ए-तैयबा का सबसे बड़ा समर्थक हूं और जमात-उद-दावा भी मुझे पसंद करता है. वे यहीं तक नहीं रुके, उन्होंने कहा कि वे मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद से मिल भी चुके हैं.
मुशर्रफ ने एआरवाई न्यूज से कहा, ‘‘लश्कर-ए-तैयबा सबसे बड़ी ताकत हैं. भारत ने अमेरिका के साथ साझेदारी करने के बाद उन्हें आतंकवादी घोषित करवा दिया है. हां वह (लश्कर-ए-तैयबा) कश्मीर में संलिप्त है लेकिन कश्मीर मुद्दा हमारे और भारत के बीच है.’’
खुद को लश्कर-ए-तैयबा और सईद का सबसे बड़ा समर्थक बताते हुए मुशर्रफ ने कहा कि वह जानते हैं कि आतंकवादी समूह और जमात-उद-दावा भी उन्हें पसंद करता है. पाकिस्तान में जमात-उद-दावा का प्रमुख सईद है. लश्कर-ए-तैयबा पाकिस्तान में प्रतिबंधित है और उसपर प्रतिबंध लगाने का फैसला मुशर्रफ सरकार ने ही लिया था.इस संबंध में सवाल करने पर मुशर्रफ ने कहा कि उन्होंने अलग परिस्थितियों में समूह पर प्रतिबंध लगाया था.