कुलभूषण जाधव को लेकर सदन में हंगामा
संसद में हंगामा भी जारी है। कांग्रेस पहले दिन से पीएम मोदी द्वारा पूर्व पीएम मनमोहन सिंह पर की गई टिप्पणी को लेकर विरोध कर रही है, कांग्रेस चाहती है कि मोदी माफ़ी मांगें और सत्तापक्ष इसके लिए तैयार नहीं, इसके चलते दोनों सदनों की कार्यवाही प्रभावित हो रही है।विपक्ष ने सरकार से इस मुद्दे पर जवाब मांगा। विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जिस तरह से पाकिस्तान द्वारा कुलभूषण जाधव की मांं और पत्नी के साथ दुर्व्यवहार किया गया, हम सब उसकी निंदा निंदा करते हैं। साथ ही मांग करते हैं कि सरकार कुलभूषण को जल्द भारत लाए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कुलभूषण जाधव पर राज्यसभा में बयान देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने इस मुलाकात को प्रोपेगेंडा बनाया। उन्होंने बताया कि सरकार कुलभूषण जाधव मामले को अंतरराष्ट्रीय कोर्ट तक लेकर गई, जिसके बाद उनपर जारी किए गए फांसी के फैसले को टाल दिया गया है। मुश्किल समय में सरकार ने परिवार का साथ नहीं छोड़ा। हमने परिवार के सदस्यों की जाधव से मिलने की इच्छा को पूरा किया। स्वराज ने कहा कि पाकिस्तानी मीडिया ने कुलभूषण जाधव के परिवार से दुर्व्यवहार किया। हमारे बीच स्पष्ट समझौता था कि मीडिया को आने की अनुमति नहीं मिलेगी, लेकिन इस समझौते का उल्लंघन हुआ। कुलभूषण ने सबसे पहला सवाल पूछा कि ‘बाबा कैसे हैं’। सुषमा ने कहा कि जाधव की मां और पत्नी की बिंदी और मंगलसूत्र उतरवा लिए गए। जाधव की मांग सिर्फ साड़ी पहनती हैं, लेकिन इस मुलाकात से पहले उन्हें सलवार-कुर्ता पहनने के लिए मजबूर किया गया। इन दोनों सुहागनों को एक विधवा की तरह पेश किया गया। जाधव की मां अपने बेटे से मराठी में बात करना चाहती थी। इस पर उन्हें बार-बार टोका गया और जब वह बात करती थी, तो इंटरकोम को बंद किया गया।
उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान यहीं तक नहीं रुका, उन्होंने कुलभूषण जाधव की पत्नी के जूते तक उतरवा लिए और उन्हें वापस नहीं किया। पाकिस्तान का कहना है कि जूते में एक कैमरा या एक रिकॉर्डर था। इससे ज्यादा बेतुकी बात क्या हो सकती है, क्योंकि उन जूतों को पहनकर ही उन्होंने 2 फ्लाइट्स में सफर किया था। यह उपाय से परे एक मूर्खता है। कुलभूषण के परिवार के साथ जो कुछ हुआ, वो अमानवीय था। परिवार के सदस्यों के मानवाधिकारों का बार-बार उल्लंघन किया गया और उनके लिए वहां एक भय का वातावरण बनाया गया।