किदांबी श्रीकांत ने ये क्या कर दिया …
कॉमनवेल्थ गेम्स में पदकों की बारिश और देश में चल रहे IPL में हो रही रनों की बरसात के बीच भारतीय बैडमिंटन के लिए गुरुवार का दिन बेहद खास रहा। इस दिन को खास शटलर पीवी सिंधू और सायना नेहवाल ने नहीं बल्कि इंडियन बैडमिंटन स्टार खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने बनाया ।
दरअसल भारतीय बैडमिंटन में हाल के दिनों में महिलाओं का दबदबा रहा है। रियो ओलंपिक में पदक दिलाने वाली शटलर पीवी सिंधू और नंबर एक पायदान पर रह चुकी सायना नेहवाल ने दुनिया में अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया। हालांकि गुरुवार का दिन भारतीय पुरुष शटलर के नाम रहा। स्टार खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने विश्व बैडमिंटन महासंघ की ताजा रैंकिंग में डेनमार्क के विक्टर एलेक्स को पीछे छोड़ते हुए नंबर एक रैंक हासिल की। यह कमाल करने वाले वे पहले भारतीय पुरुष शटलर बन गए हैं।
आपको बता दें कि आधिकारिक रैंकिंग शुरू होने के बाद , वो यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय पुरुष खिलाड़ी बन गए हैं। आधुनिक समय में कंप्यूटर द्वारा तैयार की जाने वाली रैंकिंग प्रणाली शुरू किए जाने से पहले महान खिलाड़ी प्रकाश पादुकोण को एक समय विश्व का नंबर एक खिलाड़ी माना जाता था। इस तरह श्रीकांत साइना नेहवाल के बाद दूसरे भारतीय बन गए जिन्हें यह सम्मान हासिल हुआ है। साइना 2015 में महिलाओं की एकल रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर पहुंची थीं। श्रीकांत ने यह उपलब्धि पिछले साल के अपने शानदार प्रदर्शन के बाद हासिल की और उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया था।
गोपीचंद एकेडमी में प्रशिक्षण पाने वाले श्रीकांत ने कहा कि मैं पहली बार विश्व नंबर एक बनने और प्रकाश सर के बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला भारतीय पुरुष बनने पर निश्चित रूप से खुश हूं। उन्होंने कहा कि यह गोपी सर, मेरे परिवार, मेरे दूसरे कोच और सहयोगी स्टाफ, मेरी टीम गोस्पोर्ट्स फाउंडेशन, मेरे प्रायोजकों और इन तमाम वर्षों में मुझमें विश्वास दिखाने वाले हर इंसान की कड़ी मेहनत का परिचायक है।
मौजूदा विश्व चैंपियन विक्टर एक्सेलसेन चोट के कारण बैडमिंटन से दूर रहे और पिछला साल अप्रैल में जीता गया अपना मलेशिया ओपन का खिताब बरकरार रखने में नाकाम रहे और इसके बाद दूसरे स्थान पर खिसक गए। इस साल मलेशिया ओपन राष्ट्रमंडल खेलों के कारण आगे खिसका दिया गया है। विक्टर को जनवरी में टखने की चोट के कारण इंडोनेशिया मास्टर्स से बीच में ही हटना पड़ा था और इसके बाद वे इंडिया ओपन, आॅल इंग्लैंड चैंपियनशिप, यूरोपियन चैंपियनशिप में भी नहीं खेल पाए।
बैडमिंटन कोर्ट से दूर रहने के कारण उन्होंने अपने कुल 77,130 अंकों में से 1,660 अंक गंवा दिए जिससे उनके अंक 75,470 हो गए जबकि श्रीकांत ने कुल 76,895 अंकों के साथ पहला स्थान हासिल कर लिया। पिछले साल इंडोनेशिया, आस्ट्रेलिया, डेनमार्क और फ्रांस में एक के बाद एक चार खिताब जीतकर रैंकिंग में इतने ऊपर आए। उन्होंने मौजूदा राष्ट्रमंडल खेलों में मलेशिया के महान बैडमिंटन खिलाड़ी ली चोंग वेई को सीधे गेम में हराकर भारत को मिश्रित टीम का स्वर्ण पदक भी दिलाया।