खुद को भूलकर भूल भुलैया में खो गयी यह एक्ट्रेस
मधुबाला का नाम लेते ही आपके जेहन में उनकी कई छवियां उभर आती हैं मोहक, ख़ूबसूरत, दिलकश और ताज़गी से भरपूर, जिसके चेहरे से नूर टपकता रहा हो, तो आप मधुबाला के अलावा शायद ही किसी दूसरे चेहरे के बारे में सोच पाएं ,मधुबाला के साथ ही अपना डेब्यू करने वाले राजकपूर ने मधुबाला के बारे में एक बार कहा था लगता है कि ईश्वर ने खुद अपने हाथों से संगमरमर से उन्हें तराशा है. पेंगुइन इंडिया से प्रकाशित और भाईचंद पटेल की संपादित बॉलीवुड टॉप 20- सुपरस्टार्स ऑफ़ इंडिया में राजकपूर का ये बयान दर्ज है.
इसी पुस्तक के मुताबिक शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने अपने फ़िल्मी जगत में काम करने के दिनों को याद करते हुए कहा कि जब एक दिन उन्होंने शूटिंग करते हुए मधुबाला को देखा था उन्हें लगा कि उनका दिन बन गया.
महज छह साल साल की उम्र से मधुबाला ने मायानगरी में अपने क़दम रख दिए थे. इस काम ने उन्हें कितना खपा दिया इसकी झलक 1957 में फ़िल्मफेयर की उस ख़ास सिरीज़ में मिलती है जिसमें पत्रिका ने उस जमाने के सुपरस्टार से अपने बारे में कुछ लिखने को कहा था. नरगिस, मीना कुमारी, नूतन, राजकपूर, दिलीप कुमार, देव आनंद, किशोर कुमार, अशोक कुमार सबने इसमें अपने बारे में लिखा था.
मधुबाला ने लिखा था, “मैं खुद को खो चुकी हूं. ऐसे में खुद के बारे में क्या लिखूं. मुझे ऐसा लग रहा है कि आपने मुझे उसके बारे में लिखने को कहा है जिसे मैं नहीं जानती. समय ने मुझे खुद से मिलने का वक्त नहीं दिया. जब मैं पांच साल की थी तो किसी ने मेरे बारे में पूछा नहीं और मैं इस भूल भुलैया में आ गई. ने मुझे पहली सीख यही दी थी कि आपको अपने बारे में सबकुछ भूलना होता है, सबकुछ खुद को भी तभी आप एक्ट कर पाते हैं, ऐसे में मैं खुद के बारे में क्या लिखूं.जन्म से ही मधुबाला के दिल में छेद था और डॉक्टरों के मुताबिक उस बीमारी में उन्हें बहुत ज्यादा आराम की ज़रूरत थी लेकिन मधुबाला के पिता ने उन्हें ऐसी दुनिया में धकेला हुआ था जहां उन्हें लगातार काम करना पड़ा था.