जरा सभलें किडनी की बीमारी कोई भयंकर रूप न ले ले
इन दिनों लोगों में किडनी खराब होने की समस्या तेजी से बढ़ रही है. ऐसे में सबसे बड़ी परेशानी ये है कि लोगों को क्रॉनिक किडनी डिजीज यानी किडनी खराब होने के कारण और लक्षण ही नहीं पता होता है. जिस वजह से लोग इस बीमारी का शिकार हो रहें है। अगर सही समय पर इस बीमारी का कारण और लक्षण पता हो जाए तो समय रहते इसका इलाज किया जा सकता है. तो जानते हैं किडनी खराब या फेल होने के कुछ लक्षण जिससे आप इस बीमारी को आसानी से पहचान कर इसका इलाज करवा सकते है.
किडनी खराब होने पर हाथों पैरों में सूजन आने लगती है. इसके अलावा पेशाब का रंग गाढ़ा होना या रंग में बदलना शुरू हो जाता है. साथ ही इस बीमारी में पेशाब आने की मात्रा बढ़ती या कम होने लगती है और बार-बार पेशाब आने का एहसास होता है मगर करने पर पेशाब नहीं आता है. इसके अलावा सूजन की भी समस्या होने लगती है, साथ-साथ रैशेज और खुजली की समस्या भी हो जाती है. शरीर में कमजोरी, थकान या हार्मोन भी काम होने लगता है. इस समस्या में शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण सांस लेने में तकलीफ होने लगती है.थकाम या हार्मोन का स्तर गिर जाए तो यह भी किडनी के बीमारी के लक्षण माने गए हैं। ऑक्सीजन का कम होना और जिसके कारण चिड़चिड़ापन और एकाग्रता में कमी आए तो किडनी के बीमारी के लक्षण है।
यदि गर्मी में भी ठंडक महसूस हो तथा आपको बुखार हो तो यह किडनी खराब होने के लक्षण को दर्शाता है।किडनी के खराब होने पर शरीर में विषाक्त पदार्थों जम जाते है, जिससे त्वचा में रैशेज और खुजली होने लगती है। हालांकि यह लक्षण कई तरह की बीमारियों में भी पाया जाता है। बहुत कम लोग जातने हैं कि किडनी की बीमारी के कारण खून में युरिया का स्तर बढ़ जाता है। यह युरिया अमोनिया के रूप में उत्पन होता है। जिसके कारण मुंह से बदबू निकलने लगता है और जीभ का स्वाद भी बिगड़ जाता है। गुर्दे खराब होने से शरीर में विषाक्त पदार्थों का स्तर बढ़ जाता है जिसके कारण मतली और उल्टी होने लगता है।डॉक्टरों के मुताबिक शरीर में अनवांटेड पदार्थ जरूरत से ज़्यादा जम जाने के कारण यह लक्षण महसूस होने लगता है।