जेजेपी ने पहले किसान मतदाताओं से विश्वासघात किया, अब गुमराह करने का प्रयास कर रही – दीपेंद्र हुड्डा
किसान आन्दोलन में बरोदा के युवा किसान अजय मोर के घर पहुंचे सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने परिवार से मिलकर सांत्वना दी
• शहीद किसानों के परिवार को मुआवजा व आश्रितों को सरकारी नौकरी दे सरकार
• टरकाऊ आश्वासनों के लॉलीपाप न दे सरकार
गोहाना(सोनीपत)11 दिसंबर। राज्य सभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा आज गाँव बरोदा में किसान अजय मोर के घर पहुंचे और परिवारजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए सभी किसानों के परिवार को मुआवजा व सरकारी नौकरी देने की मांग की। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि जेजेपी ने पहले किसान मतदाताओं से विश्वासघात किया, अब गुमराह करने का प्रयास कर रही है। उप-मुख्यमंत्री एमएसपी की बात कर रहे हैं क्या उन्होंने 3 कृषि कानून नहीं देखे, जिनमें MSP का कहीं जिक्र तक नहीं है? पहले यही भाषा मुख्यमंत्री बोलते थे अब उप-मुख्यमंत्री बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री पहले ये बताएं कि तीनों कृषि कानून के कौन से पैराग्राफ की कौन सी लाईन में एमएसपी शब्द लिखा है। सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री को खुली चुनौती दी कि दोनों एकसाथ मिलकर भी तीनों कानूनों में एमएसपी शब्द ढूंढ कर दिखाएं।
उन्होंने कहा कि देश की राजधानी की सीमाओं पर चल रहे किसान आन्दोलन में बरोदा के युवा किसान अजय मोर सहित अब तक कई किसान जान गँवा चुके हैं, लेकिन दुःख की बात है कि ये सरकार अपना बेरहम रवैया छोड़ने को राजी नहीं है। उन्होंने सरकार को चेताया कि वो किसानों के जीवन से खिलवाड़ न करे। सरकार ये सुनिश्चित करे कि आगे अजय जैसे कोई किसान अपने जीवन से हाथ न धो बैठे। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि मानव जीवन अनमोल है, आर्थिक नुकसान की भरपाई तो हो सकती है लेकिन जिंदगी के नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती।
खरखौदा के गोपालपुर और साथ लगते करीब एक दर्जन गाँवों के किसान राष्ट्रीय राजमार्ग के अपने गाँवों में आने जाने के रास्ते व अंडरपास आदि की मांग के साथ पिछले 2 महीने से धरना दे रहे हैं। आज किसानों के धरने में शामिल हुए सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने उनकी मांगों का समर्थन किया और कहा कि सरकार को अविलंब किसानों की समस्याओं को दूर करना चाहिए।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि सरकार के रवैये को देखकर ऐसा लगता है कि वो सोच रही है कि बढ़ती ठंड से परेशान और दुःखी होकर दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान अपने आप ही धरने से उठ जायेंगे। लेकिन, सरकार इस गलतफहमी में न रहे। सत्ता में बैठे लोग शायद ये भूल गये हैं कि हमारे देश का किसान अनाज पैदा करने के लिये तपती गर्मी, कड़कड़ाती सर्दी और बारिश की भी परवाह नहीं करता। देश का पेट भरने के लिये किसान कड़ाके की ठंड में भी आधी रात को उठकर खेतों में पानी लगाता है, बर्फीले पानी में खड़ा हो जाता है और अनाज पैदा करने के लिये सारे जतन करता है। इतना ही नहीं, किसान देश की रक्षा के लिये बहादुर जवान भी देता है, जो मातृभूमि के लिये मोर्चे से कभी पीछे नहीं हटता और जान की बाजी लगा देता है। उन्होंने कहा किसानों के सब्र की परीक्षा न ले और उन्हें टरकाऊ आश्वासनों के लॉलीपाप न दे सरकार। तुरंत उनकी मांगों को माने, क्योंकि किसानों की सारी मांगें जायज हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ठंड लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में किसान आंदोलन में शामिल देश भर के किसान पिछले 15 दिन से सरकार के अड़ियल रवैये के कारण सड़कों पर रात गुजारने को मजबूर हैं। इस मौसम में आने वाले दिनों में बारिश होने की संभावना भी जतायी जा रही है। जो आन्दोलनरत किसान भाईयों और उनके परिवारों के लिये और अधिक कष्टप्रद साबित हो जायेगी। जाहिर है बारिश के बाद ठंड और गलन भी बढ़ेगी। सरकार मानवीय और संवेदनशील रवैया अपनाए और किसानों की की मांगें मान ले। किसानों की ऐसी कोई मांग नहीं है जो कहीं से भी गलत हो और जिससे सरकार के खजाने पर कोई अतिरक्ति बोझ पड़े।
ज्ञात हो कि सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आन्दोलन में बरोदा के सैंकड़ों लोगों के साथ अजय मोर भी शामिल थे। सरकार के अड़ियल रवैये के कारण ही किसानों के हक की लड़ाई लड़ते हुए युवा किसान अजय मोर को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। उनके परिवार में बुजुर्ग मां-बाप, 3 छोटी-छोटी बेटियां हैं और पूरा परिवार खेती पर ही निर्भर है।
इस दौरान उनके साथ विधायक जगबीर मलिक, विधायक जयवीर बाल्मीकि, विधायक इंडुराज़ नरवाल, जीता हुडा जोगेंद्र दहिया, रविन्द्र मोर, जितेंद्र जांगड़ा, रमेश चेयरमैन, कुलदीप गंगाना, रवि इंदौरा, विकी दहिया, शमशेर सिलाना, राजबीर दहिया, मोहित मलिक, सुनील पार्षद, डॉक्टर दिलबाग, सोनू प्रजापति सहित अनेकों कांग्रेस कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।
बरेली से मोहम्मद शीराज़ खान की रिपोर्ट !