जसौली मलूकपुर जलभराव की समस्या को लेकर लोगों ने किया विरोध
बरेली,जसौली मलूकपुर जलभराव की समस्या से छुटकारे के लिये टक्कर की पुलिया चौड़ी हो,जलनिकासी के लिये हो नाले का निर्माण,लोगों ने किया विरोध, जनसेवा टीम के अध्यक्ष पम्मी वारसी ने कहा कि मलूकपुर और जसौली में बारिश के दिनों में बहुत बुरा हाल हो जाता हैं, बारिश रुकने के 2 घण्टे बाद भी सड़क पर 3 से 4 फीट गन्दा पानी भरा रहता हैं, दुकानों और घरो में जलभराव हो जाता हैं लोगों का निकलना बैठना मुश्किल हो जाता हैं.
इस जटिल समस्या से निजात के लिये नगर निगम को टक्कर की पुलिया को जल निकासी के लिये चौड़ी करना चाहिये ताकि पुलिया चौड़ी होगी तो तेज़ी के साथ बारिश का पानी निकल जायेगा,नगर आयुक्त महोदय से हम माँग करते हैं कि इस जटिल समस्या से इलाके के लोगो को निजात दिलाये।
बिहारीपुर,सौदागरान,दरगाह आला हज़रत,मलूकपुर पुलिस चौकी,बमनपुरी,बाजदारान,मलूकपुर नाला,कुँबरपुर,रेती,घेरशेख मिट्ठू,जसौली,जखीरा आदि मोहल्ले के हज़ारो लोग जलभराव की समस्या से परेशान हैं। जनसेवा टीम ने लोगों से की अपील पॉलीथिन में कूड़ा बांधकर नाली और नालियों में न डालें, पॉलीथिन का इस्तेमाल न करें। जसौली इलाके के रिहायशी राजकुमारी,सूर्य प्रकाश पाठक,परवेज़,बुद्ध सेन मौर्य, विकास,अर्जुन कुमार,मोहित,श्याम बाबू,सौरभ दिवाकर,नन्ही,बब्ली, माया,मानव मौर्य,गोपाल,चन्दन,विपिन,रामकली,सुनिल आदि ने कहा कि टक्कर की पुलिया का होल और लाइन पर वाले नाले को गहरा करके निर्माण हो जाये तो हज़ारो लोगों को जलभराव की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी
,कितनी बार इस जटिल समस्या से नगर निगम के अधिकारियों ,सांसद,विधायकों और पार्षद को लिखित माँग की गई पर कोई कार्यवाही नहीं हुई, हमारे घरों मस्जिद,मंदिर में गन्दा पानी भर जाता हैं जिसकी वजह से अधिक दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता हैं,अक्सर इस नाले में बच्चे गिर जाते हैं और चुटैल हो जाते हैं,संक्रमण रोगों का भय भी लगा रहता हैं।
मलूकपुर निवासी सुनील गुप्ता व परवेज़ नूरी और बमनपुरी निवासी उस्मान खान ने बताया कि मलूकपुर में जलभराव की समस्या से हज़ारो लोग परेशान,बिहारीपुर से लेकर जसौली टक्कर की पुलिया तक 3 से 4 फिट तक सड़क पर भरा बारिश का पानी,मलूकपुर बज़रिया में दुकानों के अंदर गुसा गंदा पानी,व्यापारी और रिहायशी राहगीर हैं। जनसेवा टीम के महासचिव डॉ सीताराम राजपूत ने कहा कि नगर निगम व संबंधित अधिकारियों को चाहिये हैं जलनिकासी के रास्तों को दुरुस्त करें।