जानिए क्यों, मेनका गांधी ने सैनेटरी पैड्स पर 12 फीसदी GST को सही माना ?
9 फरवरी को अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म पैडमैन रिलीज़ होने वाली है । अक्षय का मानना है कि इस फिल्म के जरिए समाज में इतनी जागरूकता आए कि लोग महिलाओं के मासिक धर्म की समस्या पर खुलकर बात कर सके, उसे समझें। इसके साथ ही हमारा मकसद है कि देश की महिलाएं पीरियड्स के दौरान साफ सफाई का ध्यान रखें और सैनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करें ।
गौरतलब है कि अक्षय ने सैनेटरी पैड्स पर लग रहे 12 फीसदी जीएसटी को भी हटाने के लिए सरकार से अपील की है । लेकिन हाल ही में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सैनिटरी पैड पर 12 फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (GST)) को सही माना है ।
आपको बता दें कि बुधवार (7 फरवरी) को कहा कि सैनिटरी पैड पर 12 फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (GST)) स्वीकार्य है। मेनका ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “यह 18 फीसदी से कम हो गया है । इस समय बाजार पर बहुराष्ट्रीय कंपनियों का राज है। इसलिए बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर भी 12 फीसदी GST लगेगा, नहीं तो पूरा बाजार खत्म हो जाएगा। इससे स्वदेशी पैड खत्म हो जाएंगे।”इससे पहले गांधी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखकर पर्यावरण के लिए अनुकूल और स्वयं नष्ट होने वाले सैनिटरी पैड को 100 फीसदी टैक्स फ्री करने का आग्रह किया था।
गांधी ने बताया कि मंत्रालय स्कूलों में सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने के लिए, स्वयंसेवी संस्थाओं का अनुदान बढ़ाने और पैड नष्ट करने वाली मशीनें उपलब्ध कराने के लिए नीति आयोग, मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय से बात कर रहा है। आगे उन्होंने कहा, “सैनिटरी नैपकिन को नष्ट करना चिंता का विषय है, लेकिन हम जल्द ही समाधान निकाल लेंगे। इसके लिए हमें नीतियां बनानी होंगी और निर्णय लेने होंगे। मैं एक बैठक बुलाऊंगी जहां हम एक साथ निर्णय ले सकेंगे।”