जानिए क्यों , 20 डॉक्टरों की टीम जाएगी पाकिस्तान ?
भारत और पाकिस्तान के बीच का तनाव उस बहती नदी के दो किनारे की तरह है जो कभी नहीं मिलते । भारत-पाक के बीच तनातनी कुलभूषण जाधव विवाद से फिर शुरू हुई, जिसके बाद सीमा पार से सीजफायर का बार-2 उल्लंघन और अब राजनयिकों का नया विवाद सामने आया है ।जिसके तहत भारत के 20 डॉक्टरों की टीम पाकिस्तान जाएगी। यह टीम पाक जेल में बंद भारतीय बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और दिमागी तौर पर बीमार कैदियों की जांच करेगी ।
दोनों देशों के बीच सहमति बनने के बाद से यह कैदी स्वदेश वापसी का इंतजार कर रहे हैं। दोनों देशों में डॉक्टरों को वीजा देने की बात पर चर्चा चल रही है लेकिन राजनयिक सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान इतनी बड़ी संख्या में डॉक्टरों और विशेषज्ञों को वीजा देने के लिए तैयार नहीं है। भारत ने पड़ोसी देश के साथ तनाव कम करने के लिए इस मामले पर अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। भारत ने पाक के सामने चार शर्ते रखी हैं जिसमें भारतीय राजनयिकों को परेशान करने पर रोक लगाना, उच्चायुक्त अजय बिसारिया को इस्लामाबाद से बाहर जाने की अनुमति देना, इस्लामाबाद में भारतीय रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स बनाने और राजनयिकों को इस्लामाबाद क्लब की सदस्यता देना शामिल है।
सुषमा ने 2017 में की थी पहल
भारत सरकार के लिए यह आवश्यक है कि वह पाक की जेलों में बंद कैदियों का परीक्षण करके उन्हें वतन वापस लेकर आए। अक्टूबर 2017 में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तान उच्चायुक्त सोहेल महमूद के साथ मानवीय आधार को लेकर हुई वार्ता में यह प्रस्ताव रखा था। स्वराज ने प्रस्ताव में कहा था कि दोनों देश मानवीय आधार पर बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और दिमागी रूप से बीमार कैदियों को एक दूसरे को सौंप दें। राजनयिक विवाद के बीच 7 मार्च को यह सूचना मिली कि पाक ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान चाहता है कि दिल्ली और इस्लामाबाद में शांतिपूर्वक निर्माण कार्य करवाने के लिए भारत प्रोटोकॉल पर साइन करे। सूत्रों के मुताबिक क्लब मेंबरशिप के मामले में इस्लामाबाद कोई समझौता नहीं करने वाला है
पाकिस्तान चाहता है कि दिल्ली और इस्लामाबाद में शांतिपूर्वक निर्माण कार्य करवाने के लिए भारत प्रोटोकॉल पर साइन करे। सूत्रों के मुताबिक क्लब मेंबरशिप के मामले में इस्लामाबाद कोई समझौता नहीं करने वाला है।