जानें बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू बारे में
बाल दिवस के दिन स्कूलों, दफ्तरों और कई संस्थानों में कई तरह के आयोजन होते हैं. जिनमें बच्चे ही हिस्सा लेते हैं और अपने नाटक या कविता से चाचा नेहरू को याद करते हैं. राष्ट्रीय बाल दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों में झंडे लेकर रैली निकालना, खेल प्रतियोगिताएं, गायन-नृत्य प्रतियोगिता और बच्चों को कई तरह के खिलौने और फल दिए जाते हैं.
देशभर में आज प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती मनाई जा रही है। इस अवसर पर हम आपको उनसे जुड़़ी कुछ खास बातें शेयर कर रहे हैं। पंडित नेहरू को आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री के तौर पर ही नहीं बल्कि उन्हें बच्चों के चाचा नेहरू के तौर पर भी जाना जाता है। इसलिए उनके जयंती को बाल दिवस भी कहा जाता है। चाचा नेहरू का जन्म 14 नंवबर को उतर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था। जवाहर लाल नेहरू लाल किले पर तिरंगा फहराने वाले पहले शख्स थे। उनका लालन पालन गांव में ही हुआ, शुरू से इंग्लिश स्कूल में पढ़ाई की। वे हिंदी सीखने के लिए गांव में घुमते थे और लोगों के बीच में बैठकर हिंदी का ज्ञान लेते थे। नेहरू जी के कपड़े लंदन में धुलने के लिए जाते थे। उनके नाम पर जवाहरलाल नहेरू विश्वविद्यायल भी है ।. कहा जाता है कि चंद्र शेखर आजाद ने रूस जाने के लिए जवाहर लाल नेहरू से 1200 रुपए उधार लिए थे। वही जवाहर लाल नेहरु ने कम से कम 20 साल तक सुभाष चंद्र बोस के परिवार पर जासूसी कारवाई की थी। यह तक की उन्होंने सरदार पटेल को अंधेरे में रखकर कश्मीर की धारा 370 तैयार करवाई थी।
जवाहरलाल नेहरू पर 4 बार जानलेवा हमला हुआ था। पहली बार 1947 में बंटवारे के दौरान उन पर हमला किया गया था। इसके बाद 1955 में महाराष्ट्र में चाकू से उन पर हमला किया गया था। वही 1956 में बम से रेल की पटरी उडऩे की कोशिश भी नाकामयाब रही।
चाचा नेहरू की खास बातें-
- 1930 के नमक आंदोलन में गिरफ्तार हुए। उन्होंने 6 माह जेल काटी।
- 1935 में अलमोड़ा जेल में ‘आत्मकथा’लिखी। उन्होंने कुल 9 बार जेल यात्राएं कीं।
- 1942 के ‘ ‘भारत छोड़ोआंदोलन में नेहरूजी 9 अगस्त 1942 को बंबई में गिरफ्तार हुए और अहमदनगर जेल में रहे, जहां से 15 जून
- 1945 को रिहा किए गए।
- नेहरू ने पंचशील का सिद्धांत प्रतिपादित किया और 1954 में ‘भारत रत्न’से अलंकृत हुए।