जहां किताबों का मतलब है कारोबारः जयपुर बुकमार्क 2018
भारतीय प्रकाषन उद्योग की ओर दुनिया भर का ध्यान केंद्रित है; नीलसन की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2017 में भारतीय पुस्तक बाजार का आकार 4.6 अरब डॉलर का था जिसके कारण भारत दुनिया में अंग्रेजी भाशा के पब्लिषिंग उद्योग का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन गया।
जयपुर बुकमार्क (जेबीएम) का पूरा ध्यान किताबों और अनुवाद के कारोबार की ओर केंद्रित है और यह ऐसे प्रमुख खिलाड़ियों को एक साथ ले आता है जो इस उद्योग की वृद्धि के पीछे अहम कारण हैं। जयपुर बुकर्माक की षुरूआत 2014 में हुई थी। यह दुनिया भर के प्रकाषकों को एक साथ आने और कारोबार के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए बी2बी प्लेटफॉर्म मुहैया कराता है। पिछले पांच वर्शों के दौरान जेबीएम एक महत्वपूर्ण फोरम के तौर पर उभरा है जो प्रकाषकों, साहित्यिक एजेंटों, लेखकों, अनुवादकों और पुस्तक विक्रेताओं को केंद्रित सत्रों और राउंडटेबल चर्चा के माध्यम से ’’कारोबार पर बात करने’’ के लिए एक साथ ले आता है।
जयपुर बुकमार्क का पांचवां संस्करण आपको एक पुस्तक की यात्रा और बदलावों के माध्यम से- उभरते हुए लेखकों, साहित्यिक एजेंटों और प्रकाषकों से लेकर बुक कवर डिजाइनर, ग्राफिक आर्टिस्ट और ऑडियो एवं डिजिटल प्लेटफॉर्मप्रदाताओं के साथ चर्चा करना है।
जयपुर बुकमार्क की षुरूआत 24 जनवरी को दिग्गी पैलेस में दरबार में होगी और इसका आयोजन दिग्गी पैलेस में 24 से 28 जनवरी के बीच किया जाएगा।
पहले दिन आपके लिए चार महत्वपूर्ण सत्रों का आयोजन किया जाएगा। अक्षय रतूड़ी, षताब्दी मिश्रा, तिलक षर्मा, निक्को ओडिसेओस, श्रुति षर्मा के साथ ’’फार द लव ऑफ बुक्स’’ में उन असामान्य पुस्तकविक्रेताओं और क्यूरेटर्स पर बात की जाएगी जो नवोन्मेशी प्रकाषन और एक ट्रेज़र हंट के तौर पर मेट्रो पर किताबों छोड़ने, बुक फेयर में जाने और तिब्बती बुद्ध परंपराओं जैसी दिलचस्प प्रक्रियाओं पर किताबें पेष करने जैसे पढ़ने के तरीकों के साथ किताबों को बढ़ावा देने और सुरक्षित करने की दिषा में काम करते हैं। इस सत्र का संचालन उर्वषी बुटालिया करेंगी। जहां ’’बुक्स दैट स्पीकः द फ्यूचर ऑफ ऑडियो’’ ऑडियो बुक्स की संभावनाओं पर चर्चा करता है, ’’रिसर्जेंस ऑफ प्रिंट’’ में प्रिंटेड पेज पर ध्यान केंद्रित होगा और पूछा जाएगा कि क्या पाठक अब भी प्रिंट पढ़ना पसंद करते हैं। ’’इंग्लिष लैंग्वेज पब्लिषिंगः द इंडियन मार्केट’’ वैष्विक परिदृष्य में भारतीय प्रकाषन बाजार की स्थिति पर चर्चा करेगा।
दूसरे दिन (25 जनवरी) ’’पब्लिषिंग प्रोसेस एंड पॉलिसी प्रॉसपेक्टिव्स’’ पर राउंडटेबल चर्चा होगी जिसमें अनंत पद्मनाभन, मानस साइकिया, रॉबर्ट वाटकिंस, उर्वषी बुटालिया, रेनू कौल, इयान डे टोफोली, बिजल वच्छारजनी, रीता चौधरी, के. श्रीनिवास राव और रत्नेष झा जैसे जाने-माने प्रकाषक आतिया जैदी से चर्चा करेंगे। ’’बेस्टसेलिंगः द इंडियन वे’’ में भारतीय बेस्टसेलर्स के बनने और उनके कारणों पर बात होगी; ’’एजुकेषनल पब्लिषिंगः टूवर्ड्स एन एक्सपैंडिंग नॉलेज बेस’’ में अकादमिक प्रकाषन के क्षेत्र में बढ़ती चिंताओं पर चर्चा होगी और ’’इनहैंसिंग द बुक’’ में डिजिटल जमाने में किताब के नए और नवोन्मेशी पहलुओं को पेष किया जाएगा। यह दिन बुक कवर के बारे में चर्चा करते हुए आयोजित सत्र के साथ खत्म होगा।
तीसरे दिन (26 जनवरी) ’’वितरणः डिस्ट्रिब्यूषन एंड आउटरीच इन इंडियन पब्लिषिंग’’ में भारतीय भाशाओं में पुस्तकों के वितरण और प्रभावों के बारे में चर्चा की जाएगी। लंच के बाद इस दिन ’’रोल ऑफ आर्ट इन बुक इंडस्ट्री’’ पर एक आकर्शक सत्र आयोजित किया जाएगा। ’’डिजिटल नैरेटिव्स’’ पर आयोजित एक सत्र में अनुराग कष्यप, करण अंषुमान, अनीष चांडी, पंकज दुबे, गौरव सोलंकी, अर्पिता दास, अनु सिंह चौधरी, कैथी रिच्स, अक्षय राठी, षैलेष भारतवासी और समीर नायर जैसी जानी-मानी हस्तियां वाणी त्रिपाठी टिक्कू से बात करेंगे और इसका आयोजन चौथे दिन (27 जनवरी) को होगा। यह पैनल डिजिटल मीडिया के नवीनतम रुझानों और महान कहानियों की षक्ति का इस्तेमाल करने के लिए नए जमाने में वेब स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म की क्षमता के बारे में चर्चा करेगा।
अंतिम दिन, पांचवे दिन (28 जनवरी) में अनुज बाहरी के साथ बातचीत में मीता कपूर, प्रीति गिल, केली फाल्कनर, पियरे एस्टियर, हैंस पीटर बेकेटिग एक एजेंट ओपेन हाउस में हिस्सा लेंगे। ’’माइंड इन योर बिज़नेसः डिवाइन टेक्स्ट्स एंड द मॉर्टल आर्ट ऑफ बुकसेलिंग’’ धार्मिक लेखों के प्रकाषन और बिक्री के बारे में जानकारी दी जाएगी। एजेंट्स और कुछ चुनिंदा प्रकाषक द फर्स्ट बुक न्यू राइटर्स मेंटरषिप प्रोग्राम के अंतर्गत युवा पहली बार के लेखकों के समूहों का मार्गदर्षन भी करेगा। 20-25 चयनित प्रतिभागियों को पांचवे दिन फेस्टिवल में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा और प्रकाषकों, साहित्यिक एजेंटों, लेखकों एवं अनुवादकों के विषेशज्ञ पैनल द्वारा सभी को अलग-अलग फीडबैक दिए जाएंगे और संभवतः उन्हें एक किताब के लिए करार करने का भी मौका मिल जाए!
प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए जेबीएम की सह-निदेषक एवं प्रकाषक नीता गुप्ता ने कहा, ’’हम इस वर्श जयपुर बुकमार्क के पांचवे संस्करण के प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए बेहद खुष हैं। किताबों के कारोबार और अनुवाद के बारे में चर्चाओं की श्रृंखला के माध्यम से हमें दक्षिण एषियाई लेखकों में अधिक दिलचस्पी पैदा करने की उम्मीद है।’’
जयपुर बुकमार्क चौथे दिन (27 जनवरी) दुनिया के 20 सफलतम फेस्टिवल डायरेक्टर्स को एकत्रित करने के लिए अत्यधिक सफल फेस्टिवल डायरेक्टर्स राउंडटेबल का आयोजन भी करेगा जिसमें कई चुनौतियों पर चर्चा होगी, उद्योग के तीन प्रमुख पुरस्कारोंः वाणी फाउंडेषन डिस्टिंग्विंस्ड ट्रांसलेटर्स अवॉर्ड, द रोमेन रोलैंड प्राइज फॉर ट्रांसलेषंस फ्रॉम फ्रेच टू इंडियन लैंग्वेज और द ऑक्सफोर्ड बुक कवर प्राइज की घोशणा होगी।
जेबीएम 2018 के बारे में ज़ी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की सह-निदेषक, नमिता गोखले ने कहा, ’’ज़ी जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के पब्लिषिंग सेगमेंट जयपुर बुकमार्क को पिछले पांच वर्शों में बेहतर से बेहतर होते देखना बहुत ही सुखद है। यह भारतीय और अंतरराश्ट्रीय पब्लिषिंग कम्युनिटी के लिए उभरता हुआ केंद्र बन गया और भारतीय भाशाओं से और उनमें किए जाने वाले अनुवाद के लिए एक महत्वपूर्ण उत्प्रेरक बन गया है।’’
फेस्टिवल प्रोड्यूसर संजय रॉय ने कहा, ’’जयपुर बुकमार्क ने अनुवाद और प्रकाषकों, एजेंट और डिजिटल कारोबार के लिए एक साथ आने, चर्चा करने और वृद्धि करते उद्योग की जरूरतों पर चर्चा करने के लिए एक बहुप्रतीक्षित प्लेटफॉर्म तैयार किया है।’’