इस्लाम और पैग़म्बर इस्लाम से मौहब्बत करने का अच्छा तरीका नहीं है, उलमा ने की घटना की निन्दा
बरेली:- राजिस्थान के शहर उदयपुर में भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नुपुर शर्मा की हिमायत में तकरीबन दस रोज़ पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट डालने वाले एक व्यक्ति का मंगल के दिन कत्ल कर दिया गया। इस घटना की चारो तरफ निन्दा की जा रही है, देश भर के सियासी व समाजी और उलमा क कहना है कि इस तरह की हरकत मानवता को शर्मशार करती है , उलमा ने जनता से अम्न व अमान कायम करने की अपील की है।
दरगाह आला हजरत से जूडे संगाठन तंज़ीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्र महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने आज एक प्रेस को बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा कि पैग़म्बरे इस्लाम की शान में गुस्ताखी की घटनाओं ने मुसलमानों के दिलों को तकलीफ पहुंचा रखी थी, लेकिन उदयपुर के वाक्या ने देशभर के मुसलमानों का सर झुका दिया है , झुके हुए सर के साथ मुसलमान अपने पैग़म्बर की शान मे गुस्ताखी के खिलाफ अपने दुःख और अपने ग़म व गुस्से का इजहार किस तरह कर सकते है
मौलाना ने कहा की पैग़म्बरे इस्लाम ने अपनी जिंदगी के किसी भी गेशे में अपने विरोधियों यहां तक कि अपने सख्त जानी दुश्मनों तक से न खुद इन्ताकाम (बदला) लिया और न अपने सहाबा (अनुयाई साथी) को इन्ताकाम (बदला) लेने दिया, ऐसे में जो लोग पैग़म्बर इस्लाम से अपनी मौहब्बत के इजहार के तौर पर बूरा कहने वालों का इस तरह सर क़लम करें, उन्हें किसी भी तरह से इस्लाम धर्म का खौरख्वाह ( अच्छा भक्त)करार नहीं दिया ज सकता , इस्लाम तो बहुत दूर की बात है उन्हें भारतीय मुसलमानों का भी खौराख्वाह नहीं कहा जा सकता। इस्लाम साफ सुथरी छवि का नाम है , इस्लाम तलवार का नाम नहीं है बल्कि इस्लाम अखलाक व तहजीब और प्यार व मौहब्बत का नाम है , लेकिन उदयपुर के इन कातिलों ने इस्लाम की इन तमाम खूबियों पर पानी फेर दिया है। जो विडियो सोशल मीडिया पर गस्त कर रहा है उसकी जुबान सुन कर अंदाजा होता है कि उन्हें इस्लाम का मामूली सा इल्म भी छूकर नही गुज़रा , ये कौन लोग है और पैग़म्बरे इस्लाम की तालीमात के खिलाफ काम कर रहे है देश की अम्नं शांति को भंग करना चाहते हैं, इसकी जांच होना चाहिए।
मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने आगे कहा कि भारतीय मुसलमानों के सामने इस क़त्ल के बाद जो नक्श घूम रहा है वो बहुत भयानक है , इस नक्शे की संगिनी को कम करना मुसलमानों की जिम्मेदारी है। और ये कहना होगा कि ये हमारे पैग़म्बर की शान की कीमत नहीं हो सकती, हमारे पैग़म्बर की अजमत और इस अजमत का तक्दूस (पवित्रता) इतना सस्ता नहीं है। पैग़म्बरे इस्लाम को खूदा ने पूरी दुनिया का रहमत बनाकर भेजा , पैग़म्बर ने अपने कट्टर दुशमानो को माफ कर दिया।
मौलाना ने मुसलमानों को देश के हालात पर नजर रखते हुए काम करने की सलाह दी, उन्होंने कहा कि हम अपने अख्लाक और किरदार के तरीकों को बदल लें तो भारत के हालात भी बदल जाएगों , मुसलमान पैग़म्बरे इस्लाम की जिंदगी को अपने अंदर धालें, वोह गैर मुस्लिमो से कितना अच्छा व्यवहार रखते थे वही तरीका अपनाने से हालात बदल सकते है। कोई भी ऐसा कदम न उठाएं जो गैर कानूनी हो , अगर कहीं कोई दिल को तकलीफ पहुंचाने वाली बात होती है तो हूकूमत के जिम्मेदारो तक पहुंचाएं ताकि कानूनी कार्यवाही हो सकें।