INS ‘करंज’ ने किया समुद्र पर कब्जा ,चीन-पाक के रडार को भी देगी चकमा
भारत ने INS ‘करंज’ को समुद्र में उतार कर अपनी नौसेना की ताकत को मजबूत करते हुए, एक साथ चीन और पाकिस्तान पर निशाना साधा है । करंज मेक इन इंडिया के तहत बनाई गई स्वदेशी पनडुब्बी है। अत्याधुनिक तकनीक और सटीक निशाने के दम पर समुद्र में करंज चीन और पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ा सकती है । आपको बता दें कि पाकिस्तान और चीन से भारत के चल रहे विवादों को देखते हुए भारत सरकार लगातार अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने में लगी हुई । जहां पहले पाक सीमा पर सरकार ने लेजर फैंसिंग करवानी शुरु की है , तो वहीं चीन से डोकलाम विवाद होने की वजह से भारत ने INS ‘करंज’ को लांच किया है । मुंबई के मझगांव डॉक पर INS करंज को नौसेना में शामिल किया गया और इस दौरान नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा भी मौजूद थे । आइए अब जानते हैं, अद्वितीय INS ‘करंज’ की खास बातें :
इस पनडुब्बी को मझगांव डॉकयार्ड में फ्रांस के साथ मिलकर बनाया गया है। आधुनिक तकनीक से बनी ये पनडुब्बी कम आवाज से दुश्मन के जहाज को चकमा देने में माहिर है।
कलवरी और खांदेरी के बाद करंज के शामिल होने भारत की समुद्री ताकत मजबूत होगी। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी और अरब सागर के पास पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने के लिए ये सबमरीन( पनडुब्बी) काफी अहम भूमिका निभाएगी ।
इस स्वदेशी पनडुब्बी में तारपीडो जैसे हथियार भी लगे है जो दुश्मन के जहाज या पनडुब्बी को मार गिराने में सक्षम हैं, साथ ही इसमे दुश्मन के इलाके की निगरानी करने के लिए यंत्र लगे हुए हैं । उम्मीद है इसे अगले साल नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा।
67.5 मीटर लंबी,12.3 मीटर ऊंची और 1565 टन वजन वाली इस पनडुब्बी में ऑक्सीजन भी बनाया जा सकता है। युद्ध की स्थिति में यह दुश्मन के क्षेत्र से चकमा देकर निकलने में सक्षम है।
करंज टारपीडो और एंटी शिप मिसाइल से हमला करती है। रडार की पकड़ में नहीं आती, समंदर से जमीन पर और पानी के अंदर से सतह पर हमला करने में सक्षम है।
इस श्रेणी की पहली पनडुब्बी कलवरी को पिछले महीने ही नौसेना में शामिल किया गया था। दूसरी पनडुब्बी खंदेरी का अभी ट्रायल चल रहा हैं। ऐसी 6 पनडुब्बी मझगांव डॉकयार्ड में बनेगी जो 2020 तक नौसेना में शामिल हो जाएगी ।
हिन्द महासागर में बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए नौसेना के पास दर्जन भर ही पनडुब्बी हैं। इनमें से आधे से अधिक अपनी ज़िंदगी पुरी कर चुकी हैं, लेकिन किसी तरह उनको अपग्रेड कर काम चलाया जा रहा हैं। ऐसे में जितना जल्द ये पनडुब्बी का लॉन्च होना नौसेना के लिए बहुत मायने रखता हैं। इन सबके के बूते ही भारत हिंद महासागर मे चीन को जवाब दे पाएगा ।
आपको बता दें कि पिछले साल आई बॉलीवुड फिल्म गाजी इसी INS ‘करंज’ पर आधारित थी। जो कि 1971 में भारत- पाकिस्तान लड़ाई के दौरान 18 दिनों तक पानी के अंदर रह हमले को झेला था, और कड़ा जवाब दिया था। दरअसल करंज पहले 4 सितंबर, 1969 को भारतीय नौसेना में शामिल हुई थी, जिसके बाद 2003 में रिटायर हुई थी ।अब एक बार फिर नए अवतार के साथ इसे लॉन्च किया गया है । बता दें कि भारत की 2029 तक 24 पनडुब्बियां बनाने की योजना है। इसके पहले प्रॉजेक्ट पी-75 के तहत स्कॉर्पीन सीरीज की छह पनडुब्बियां बनाई जा रही हैं ।डीजल-इलेक्ट्रिक दोनों ही तरह की ताकत से लैस इस पनडुब्बी के आने के बाद से नौसेना के पास कुल पनडुब्बियां 14 हो जाएगी. कंरज इस सीरीज की पनडुब्बी है।