भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अपने वर्चस्व का दुरुपयोग
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने अपने वर्चस्व का दुरुपयोग करने के कारण एसोट एस.पी.ए और एसोट एशिया पेसिफिक डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड पर जुर्माना लगाया
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने सीधी खड़ी/झुकी हुई एमआरआई मशीनों की आपूर्ति में अपने वर्चस्व का दुरुपयोग करने के कारण एसोट एस.पी.ए और एसोट एशिया पेसिफिक डायग्नोस्टिक प्राइवेट लिमिटेड पर 9.33 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। हाउस ऑफ डायग्नोस्टिक्स एलएलपी (एचओडी) द्वारा दाखिल की गई सूचना पर सीसीआई ने अपना अंतिम आदेश 27 सितंबर, 2018 को सुनाया। मेडिकल डायग्नोस्टिक इमेजिंग सेवाओं में संलग्न हाउस ऑफ डायग्नोस्टिक्स एलएलपी ने अन्य बातों के अलावा विभिन्न तरह की निर्माण संबंधी खामियों वाली पुरानी मशीनों की आपूर्ति का आरोप लगाते हुए एसोट के खिलाफ सीसीआई में सूचना दर्ज कराई थी। हाउस ऑफ डायग्नोस्टिक्स एलएलपी ने यह भी आरोप लगाया कि एसोट आपूर्ति किए जाने वाले कलपुर्जों की भारी-भरकम कीमत वसूलती रही है और इसके साथ ही एसोट ने अनुबंध के तहत अपने दायित्वों का निर्वहन करने से भी इनकार करती रही है। यही नहीं, अनुबंध की आवश्यक शर्तों में एसोट द्वारा एकतरफा ढंग से बदलाव किए जाने का भी आरोप लगाया गया है। सीसीआई ने भारत में सीधी खड़ी/झुकी हुई एमआरआई मशीनों की आपूर्ति करने में एसोट को ही एकमात्र निर्माता कंपनी पाया है। अत: इसे ध्यान में रखते हुए सीसीआई का यह मानना है कि इस बाजार में एसोट का ही वर्चस्व है।