पिछले चार वर्षों में पूर्वोत्तर राज्यों को केन्द्र की ओर से 3200 करोड़ रूपए की मदद दी गई
मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और नगालैंड ने खुले में शौच से मुक्त राज्य का दर्जा हासिल किया, सिक्किम ने निजी घरेलू शौचालय निर्माण का 67 प्रतिशत और सामुदायिक तथा सार्वजनिक शौचालय निर्माण का 79 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश ने घरों से कचरा संग्रहण का सौ फीसदी लक्ष्य हासिल किया
र्स्माट सिटी मिशन के तहत पूर्वोत्तर राज्यों के लिए केन्द्र की ओर से 1024 करोड़ रुपए जारी किए गए- 100 स्मार्ट शहरों में से 10 पूर्वोत्तर के शहर चिन्हित किए गए। सिक्किम के नामची शहर में सबसे ज्यादा प्रगति हुई
इम्फाल, ईटानगर, पासीघाट, नामची, गंगटोक और शिलॉंग में क्लाउड आधारित आई सी सी सी प्रणाली विकसित करने के लिए बी ई एल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 2.3 लाख मकानों के निर्माण को मंजूरी – अब तक 1.16 लाख मकानों का निर्माण शुरू, मकानों के निर्माण के लिए त्रिपुरा की मांग सौ फीसदी पूरी की गई
अमृत राज्य योजना के तहत समूचे मिशन अवधि के लिए 1507 करोड़ रुपए
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप पुरी ने आज पूर्वोत्तर राज्यों में अर्बन मिशन योजना की प्रगति की समीक्षा के अवसर पर बताया कि पिछले चार वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (पी एम ए वाई अर्बन) के तहत पूर्वोत्तर राज्यों के शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीब लोगों के लिए 2.3 लाख मकान बनाए जाने को मंजूरी दी गई। इनमें से 1.16 लाख मकानों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। मकानों के निर्माण के लिए सिक्किम की सौ फीसदी मांग मंजूर कर ली गई है। उन्होंने कहा कि मकानों के निर्माण के लिए दी गई इन मंजूरियों को 2004 से 2014 की दस वर्ष की अवधि के दौरान जवाहर लाल नेहरू अर्बन रूरल मिशन तथा राजीव आवास योजना के तहत 26041 मकानों के निर्माण के लिए दी गई मंजूरी के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2004-14 के दौरान जितने मकानों के लिए मंजूरी दी गई थी, उनमें से अभी तक केवल 21159 मकान ही बनाए जा सके। बाकी के 4892 मकान अभी भी निर्माणाधीन हैं।
श्री पुरी ने कहा कि पिछले चार वर्षों की अवधि में पूर्वात्तर राज्यों को पी एम ए वाई अर्बन योजना के तहत 3570 करोड़ रुपए की केंद्रीय मदद मंजूर की गई और 1520 करोड़ रुपए जारी किए गए, जबकि 2004-14 की अवधि में 683 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे और 586 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 1 लाख से लेकर 2.67 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है।
दो दिवसीय इस समीक्षा बैठक में श्री पुरी के अलावा मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देव, पूर्वात्तर राज्यों के कई वरिष्ठ अधिकारी और उनके मिशन प्रभारी निदेशकों ने भी भाग लिया।
समीक्षा बैठक में कई सत्र आयोजित किए गए, जिनमें प्रधानमंत्र श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 25 जून 2015 को शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी), कायाकल्प एवं शहरी रूपांतरण के लिए अटल मिशन योजना (अमृत) तथा स्मार्ट सिटी योजना की समीक्षा की गई और इन्हें प्रभावी तरीके से लागू करने उपयों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में स्वच्छ भारत मिशन की भी समीक्षा की गई। यह योजना 2 अक्टूबर 2014 को शुरू की गई थी। इसके अलावा पूर्वात्तर क्षेत्र शहरी विकास कार्यक्रम, दीन दयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन तथा रीयल एस्टेट रेगुलेशन एक्ट पर भी चर्चा हुई।
समीक्षा बैठक में बताया गया कि पूर्वोत्तर राज्यों के 12 शहरों को कायाकल्प एवं शहरी रूपांतरण के लिए अटल मिशन योजना में शामिल किया गया है। इसके तहत इन शहरों में सभी घरों पर पानी के कनेक्शन दिए जाएंगे और हर दिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए 135 लीटर पानी की आपूर्ति की जाएगी, जल-मल निकासी की व्यवस्था सुधारने के लिए नालियों का जाल बिछाया जाएगा, बिना मोटर वाले सार्वजनिक वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे तथा शहरों में खुले स्थान विकसित किए जाएंगे।
स्मार्ट सिटी मिशन की समीक्षा में बताया गया कि इसके लिए पूर्वोत्तर के 10 शहरों का चयन किया गया है और मिशन के तहत अब तक केंद्र की ओर से पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 1024 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। सिक्किम के नामची शहर में सबसे ज्यादा प्रगति का उल्लेख किया गया है। स्मार्ट शहरों में सभी तरह ही जन सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा उन पर निगरानी और नियंत्रण रखने के लिए क्लाउड आधारित आई सी सी सी प्रणाली विकसित करने के लिए बी ई एल के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम और नगालैंड को खुले में शौच से मुक्त राज्य घोषित कर दिए गए हैं। पूर्वोत्तर के 98 शहरों को यह दर्जा हासिल हुआ है। 47000 घरों में शौचालय बनाए गए हैं तथा 2310 सामुदायिक और सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण कराया गया है। जनवरी 2019 तक समूचे पूर्वोत्तर राज्यों को खुले में शौच मुक्त राज्य का दर्जा प्राप्त हो जाएगा।
रीयलटी क्षेत्र में पारदर्शिता लाने और उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा करने के लिए लाए गए रेरा कानून को असम और त्रिपुरा में अधिसूचित कर दिया गया है। असम, त्रिपुरा, मिजोरम और सिक्किम में अंतरिम स्तर पर रेरा प्राधिकरणों का गठन किया गया है। सभी पूर्वोत्तर राज्यों में रेरा कानून जल्द ही लागू हों जाएंगे।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री श्री देव ने इस अवसर पर कहा कि वह चाहते हैं कि उनका राज्य एक आदर्श राज्य बने। उन्होंने इसके लिए वे राज्य में शहरी आधरभूत संरचना को विकसित किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने त्रिपुरा को एक आदर्श राज्य के रूप में विकसित करने के लिए श्री पुरी और उनके मंत्रालय से सहयोग की अपील की।