उत्तर भारत में अगले 24 घंटे में बारिश के साथ गिर सकते है ओले
बादल छाने के साथ ही बारिश का सिलसिला शुरू हो चुका है। मंगलवार और बुधवार को बारिश और ओले गिरने की संभावना है जिसके बाद अधिकतम और न्यूनतम तापमान में तेजी से गिरावट आएगी।
- नए साल से कंपकंपी वाली ठंड से राहत के बाद आज दिल्ली-एनसीआर में बारिश और ओले गिरने की संभावना है
- उत्तर भारत में एक बार फिर शीतलहर की वापसी होगी, बादल छाने के साथ ही बारिश का सिलसिला शुरू हो चुका है
- बारिश और ओले गिरने की संभावना है जिसके बाद अधिकतम और न्यूनतम तापमान में तेजी से गिरावट आएगी
नई दिल्ली
नए साल से कंपकंपी वाली ठंड से राहत के बाद आज दिल्ली-एनसीआर में बारिश और ओले गिरने की संभावना है। इसी के साथ एक बार फिर उत्तर भारत में शीतलहर की वापसी होगी। बादल छाने के साथ ही बारिश का सिलसिला शुरू हो चुका है। मंगलवार और बुधवार को बारिश और ओले गिरने की संभावना है जिसके बाद अधिकतम और न्यूनतम तापमान में तेजी से गिरावट आएगी।
मौसम विभाग के अनुसार वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से दिल्ली-एनसीआर में रविवार शाम से ही बादल छाए हुए हैं। सोमवार को पूरे दिन बादल छाए रहे और और कुछ क्षेत्रों में शाम 7 बजे के बाद बारिश हुई। इन सब के बीच अधिकतम तापमान एक बार फिर गिरकर 20 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। सोमवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 19.1 डिग्री रहा। वहीं, न्यूनतम तापमान 9.9 रहा, जो सामान्य से तीन डिग्री अधिक है।
अधिकतम तापमान में आएगी गिरावट
मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को अधिकतम तापमान में गिरावट आएगी और यह 18 डिग्री के आसपास रह सकता है। शाम के समय बारिश के साथ ओले गिरने की भी संभावना बनी हुई हैं। हवाओं की रफ्तार 20 से 25 किलोमीटर के आसपास रहेंगी। दिल्ली में सबसे अधिक बारिश इस दौरान 8 जनवरी को होगी। 8 जनवरी को कुछ जगहों पर ओले भी गिर सकते हैं।
12 जनवरी को फिर हो सकती है बारिश
इस दिन अधिकतम तापमान महज 16 डिग्री के आसपास पहुंच जाएगा। 9 जनवरी से वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर खत्म हो जाएगा, लेकिन कोहरे की वापसी होगी और अधिकतम के साथ न्यूनतम तापमान में भी गिरावट आएगी। 11 जनवरी के बाद ही दिन के समय तापमान में कुछ बढ़ोतरी की संभावना है लेकिन यह बहुत अधिक नहीं होगी। जबकि 12 जनवरी से एक अन्य वेस्टर्न डिस्टरबेंस की वजह से हल्की बारिश वापसी कर सकती है।
प्रदूषण की बात करें तो फिलहाल एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 325 के आसपास बना हुआ है। इसे हवा का ‘बेहद खराब’ स्तर कह सकते हैं। मौसम में बदलाव की वजह से इसमें थोड़ा सुधार आने की गुंजाइश बनी हुई है। इससे यह खराब स्तर तक आ सकता है।