उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का बड़ा बयान लॉकडाउन न खोलते तो लोग की आर्थिक स्थिति ख़राब हो जाती

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का बड़ा बयान लॉकडाउन न खोलते तो लोग की आर्थिक स्थिति ख़राब हो जाती

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा- कोरोना काल इंसानियत के सामने अभूतपूर्व संकट, सबके सहयोग से ही जीतेंगे ये लड़ाई
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को अपेक्षित सहयोग नहीं दिया जिससे दिल्ली सरकार की आर्थिक स्थिति भी काफी खराब हो गई है

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच भी लॉकडाउन खोलने के फैसले का दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बचाव किया है। उन्होंने कहा कि अगर लॉकडाउन खोलने का फैसला नहीं लिया जाता तो लोग आर्थिक बदहाली, बेरोजगारी और नौकरी छूटने के डर और तनाव के कारण अपने ही घरों में मरने लगते। शायद ऐसी मौतों की संख्या कोरोना से मरने वालों की संख्या से भी ज्यादा होती। लोगों को ऐसी स्थिति में जाने से बचाने के लिए सरकार को लॉक डाउन खोलने का फैसला करना पड़ा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली को अपेक्षित सहयोग नहीं दिया जिससे दिल्ली सरकार की आर्थिक स्थिति भी काफी खराब हो गई है।

विशेष बातचीत में सिसोदिया ने कहा कि सरकार के कहने पर व्यापारियों ने अपने कर्मचारियों को दो-तीन महीने तक बिना काम कराए वेतन दिया, लेकिन यह स्थिति ज्यादा दिन तक नहीं चल सकती थी क्योंकि कामकाज के बिना उनके अपने सामने भी आर्थिक बदहाली की स्थिति पैदा हो गई थी।
पूरी दुनिया में सबसे अच्छी व्यवस्थाएं भी प्रभावित हुईं
मोहल्ला क्लीनिक दिल्ली सरकार की सफल योजनाओं में से एक मानी जाती है। इनकी चर्चा अंतरराष्ट्रीय स्तर तक हुई थी, लेकिन कोरोना काल के संकट के दौरान वे ठप हैं? इस सवाल पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट ने दुनिया की सबसे अच्छी व्यवस्थाओं को भी बौना साबित कर दिया। अमेरिका, इटली, स्पेन और अन्य सबसे अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं वाले देशों में लोगों को अस्पतालों में भर्ती करने तक की जगह नहीं बची।

दूसरे राज्यों से आएंगे मरीज तो स्थिति होगी खराब
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार अभी तक कोरोना संकट से दो कदम आगे तैयार खड़ी दिखी है। अभी तक हम सभी लोगों को बेड और इलाज देने में कामयाब रहे हैं। 31 जुलाई तक राजधानी में 5.5 लाख कोरोना मरीज होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इस समय तक अकेले दिल्ली के लोगों के लिए 80 हजार बेड की आवश्यकता पड़ सकती है। लेकिन हमारी तैयारी है कि ऐसी स्थिति तक भी हम लोगों को बेड देने में कामयाब रहेंगे। अगर दूसरे राज्यों से भी इतने ही संख्या में कोरोना मरीज दिल्ली आने लगे तो स्थिति कुछ खराब अवश्य हो सकती है। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी हम सबसे बेहतर सेवा देने की कोशिश करेंगे।

दिल्ली राजधानी, कुछ फायदा तो कुछ नुकसान
मनीष सिसोदिया ने कहा कि राजधानी होने के कारण इसका कुछ फायदा मिलता है तो कुछ नुकसान भी उठाना पड़ता है। दिल्ली में रोक के बाद भी काफी संख्या में लोग आये और रुके रहे। इसके कारण कोरोना के मामले बढ़ते चले गये।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि कोरोना काल के संकट में केंद्र और सभी राज्य सरकारें आपसी सहयोग से मिलजुलकर काम कर रही हैं। केंद्र से दिल्ली को भी पीपीई किट्स व अन्य चीजों की पर्याप्त मदद मिल रही है, लेकिन केंद्र ने दिल्ली को उचित आर्थिक मदद नहीं दिया, जिसके कारण वित्तीय संकट खड़ा हो गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

%d bloggers like this: