Bihar News:झारखंड नंबर की गाड़ी अगर बिहार में चला रहे हैं तो हो जाएं सावधान, देना पड़ेगा फाइन
पटना। झारखंड समेत अन्य राज्यों से निबंधित वाहनों के बिहार में स्थायी तौर पर हो रहे परिचालन पर परिवहन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल के निर्देश पर शनिवार को राज्यभर में विशेष अभियान चलाकर डीटीओ, एमवीआई और ईएसआई द्वारा ऐसे वाहनों पर छापेमारी की गई। पहले दिन जांच के दौरान 90 लग्जरी गाड़ियों से लगभग 6.50 लाख रुपया जुर्माना वसूला गया। वाहन मालिक से न्यूनतम 5000 रुपया जुर्माना लेकर चेतावनी के साथ वाहन को छोड़ दिया गया।
परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि टैक्स चोरी के उद्देश्य से वाहन मालिक लक्जरी और अन्य वाहनों का रजिस्ट्रेशन झारखंड से कराते हैं और चोरी छुपे स्थायी तौर पर बिहार में परिचालन करते हैं। यह मोटरवाहन अधिनियम का उल्लंघन है। इससे बिहार को राजस्व क्षति भी हो रहा है। परिवहन विभाग को विभिन्न स्रोतों से यह सूचना मिली है कि झारखंड के निबंधित वाहन का अवैध परिचालन बिहार में किया जा रहा है। यहां के स्थायी निवासी आस-पास के राज्यों में अवैध रूप से वाहनों का निबंधन करवा रहे हैं और बिहार में वाहनों का परिचालन कर रहे हैं।
झारखंड में रजिस्ट्रेशन करा स्थायी रुप से बिहार में चलाने वाले वाहनों को अब बिहार का नंबर लेना पड़ेगा। अभियान चलाकर ऐसे वाहनों की छापेमारी की जाएगी, जिसका रजिस्ट्रेशन दूसरे राज्य में कराया गया है और स्थायी रूप से बिहार में चलाए जा रहे हैं। फिलहाल परिवहन विभाग द्वारा एक मौका दिया गया है । परिवहन सचिव ने कहा कि जो भी वाहन मालिक झारखंड से रजिस्ट्रेशन कराकर बिहार में वाहन का परिचालन कर रहे हैं वह एक सप्ताह के अंदर बिहार का नंबर प्राप्त कर लें। यह अभियान जारी रहेगा। जांच के दौरान जितनी बार पकड़ाएंगें उतनी बार वाहन मालिक से जुर्माना वसूला जाएगा।
बिहार का रजिस्ट्रेशन नंबर लेने के लिए जिला परिवहन कार्यालय में विशेष काउंटर खोला जाएगा।
क्या है प्रावधान
– मोटरवाहन अधिनियम की धारा- 49 के अंतर्गत यह प्रावधान है कि अपने निवास स्थान में परिवर्तित स्थान पर उपयोग करते हैं तो अधिकतम 30 दिनों के अंदर वाहन स्वामी को परिवर्तित स्थल से संबंधित निबंधन प्राधिकार जिला परिवहन पदाधिकारी को वाहन उपयोग की सूचना देना अनिवार्य है। इसके बाद ही परिवर्तित क्षेत्र में वाहन का परिचालन वैध होगा। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो वाहन का परिचालन अवैध होगा।
– राज्य से बाहर निबंधित वाहन यदि बिहार में बिना कर भुगतान किए या बिना वैध परमिट के चलाए पाए जाते हैं तो उन वाहनों को 30 दिनों तक अस्थायी परिचालन के लिए निर्धारित कर और उस कर की दुगुनी राशि अर्थदंड के रूप में भुगतान करना होगा।
कैसे प्राप्त करें स्थानीय निबंधन संख्या
वाहन स्वामी द्वारा स्थानीय डीटीओ कार्यालय में विहित प्रपत्र में आवेदन तथा अनापति प्रमाण पत्र के अनुरोध संबंधी साक्ष्य के अतिरिक्त अन्य कागजात जमा करना होगा।
सोनू मिश्रा,पटना(बिहार)