hyper-sexuality जिस पर ज्यादा बोलने से बचते हैं लोग
ऐसा माना जाता है कि जो लोग हाइपरसेक्सुअल होते हैं, उनके लिए शादी एक अच्छा आइडिया नहीं है क्योंकि इससे वैवाहिक जिंदगी प्रभावित होती हैं. इसे आम लोग साधारण तौर पर बीमारी नही समझते हैं, वे यह समझते हैं कि यह एक तरह का मानव व्यवहार है जो किसी मे अधिक होता है और किसी में अत्यधिक / ठीक उसी तरह से जैसे किसी व्यक्ति में सम्भोग करने की इच्छा साधारण होती है और किसी मे साधारण इच्छा से भी कम और किसी किसी में तो बिल्कुल नही, एक शादीशुदा महिला ने अपना अनुभव साझा किया है और वह बहुत ही चौंकाने वाला है.वह कहती हैं, मैं खुद को हाइपरसेक्सुअल मानती हूं. सेक्स ड्राइव के मामले में मैं खुद को हमेशा टॉप पर रखती हूं. मुझे शादी किए हुए 18 साल हो गए हैं और मैंने करीब-करीब हर दिन शारीरिक संबंध बनाया. एक सप्ताह में कई बार.मुझे कभी भी इससे थकान नहीं होती है और मैं आज तक बोर नहीं हुई. मुझे यह लगातार आकर्षित करता है और मैं सबसे ज्यादा खुशी महसूस करती हूं.यौन संबंध मेरे लिए अद्भुत और महत्वपूर्ण है. मेरे लिए यह एक वरदान से कम नहीं है. लेकिन मुझे पता है कि अगर मेरी शादी टूटती है या कुछ और होता है तो मैं बर्दाश्त नहीं कर पाऊंगी. हालांकि मुझे लगता है कि मुझे जिंदगी में उम्मीद से ज्यादा कुछ मिल चुका है.
एक समाज के तौर पर हमें हाइपरसेक्सुअलिटी के बारे में पूर्वाग्रह और धारणाएं बनाना बंद करना चाहिए क्योंकि इससे कई लोगों की जिंदगी शर्मिन्दगी और अवसाद में बीतने लगती है. हाइपरसेक्सुअल लोग भी खुशहाल शादीशुदा जिंदगी जी सकते हैं बशर्ते उनका पार्टनर उन्हें बखूबी समझता हो और उनके बीच अच्छी अंडस्टैंडिंग हो.