विद्युत अभियन्ता संघ के बरेली में सम्पन्न क्षेत्रीय सम्मेलन में बरेली क्षेत्र के सैकड़ों अभियन्ता हुए शामिल

बरेली : धरातल पर अभियन्ताओं को कार्य करने में आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों से रूबरू होकर प्रबन्धन से उनके सार्थक निराकरण हेतु संवाद करने तथा संगठनात्मक गतिविधियों में गति लाते विद्युत अभियन्ता संघ द्वारा जारी जन जागरण कार्यक्रम के तहत बरेली में अभियन्ताओं का क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया।

 

बरेली, पीलीभीत,शाहजहांपुर, बदायू आदि जिलों के सैकड़ों अभियन्ता सम्मिलित हुए। सम्मेलन में अभियन्ताओं द्वारा प्रमुख रूप से क्षेत्रों में मैन, मेटीरियल एवं मनी की कमी के कारण बेहतर उपभोक्ता सेवा एवं विद्युत आपूर्ति प्रदान करने में आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों पर केन्द्रीय पदाधिकारियों एवं प्रबन्धन का ध्यान आकृष्ट कराया। इसके साथ ही अभियन्ताओं की तमाम ज्वलन्त समस्याओं के निराकरण न होने एवं प्रबन्धन द्वारा छोटी-छोटी बातों पर दण्डात्मक कार्यवाही करने जैसी बढ़ती नकारात्मक व उत्पीड़नात्मक कार्यप्रणाली से मिल रहे अत्यधिक मानसिक तनाव से अभियन्ताओं ने आक्रोष व्यक्त किया।

 

क्षेत्रीय सम्मेलन में विद्युत अभियन्ता संघ के केन्द्रीय अध्यक्ष वी0पी0 सिंह, महासचिव प्रभात सिंह, उपाध्यक्ष आर के वर्मा, उपाध्यक्ष मध्यांचल रणवीर सिंह, सहायक सचिव मध्यांचल के के वर्मा, तथा बरेली क्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव इं0 रणजीत चौधरी,विशाल मलिक क्षेत्रीय सचिव एवं गौरव शर्मा शाखा सचिव शामिल हुए।

क्षत्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में विद्युत अभियन्ता संघ के अध्यक्ष वी0पी0 सिंह एवं महासचिव प्रभात सिंह ने ऊर्जा निगमों एवं अभियन्ताओं के समक्ष उपस्थित चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए मा० मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के मार्गदर्शन में राजस्व वसूली बढ़ाने एवं बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करते हुए ऊर्जा निगमों को आत्मनिर्भर बनाये जाने का संकल्प व्यक्त किया जिससे प्रदेश की जनता को 24 घण्टे गुणवत्तापूर्ण अनवरत बिजली उपलब्ध कराये जाने के मुख्यमंत्री के हरदम बिजली सबको बिजली के संकल्प को पूरा किया जा सके।

उन्होंने अभियन्ता संवर्ग के सामने आ रही चुनौतियों एवं उनसे निपटने की रणनीति पर भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने आगे बताया कि ऊर्जा निगमों में पदोन्नति नियमों में बदलाव कर अभियन्ताओं को पदोन्नतियां से वंचित करने का कुचक्र चलाया जा रहा है। विगत दिनां पदोन्नति नियमों में रातो-रात परिवर्तन कर मुख्य अभियन्ता(स्तर-1) के 11 पदों पर पदोन्नतियां नहीं की गयी जिसके परिणाम स्वरूप लगभग 50 से अधिक पदों पर अभियन्ता पदोन्नति से वंचित हो गये हैं। अन्य रिक्त पदों पर भी पदोन्नतियां नहीं की जा रही हैं। यह चिन्ताजनक एवं खतरनाक है तथा सेवा शर्तों को कमतर किये जाने की कोशिश है। वी0सी0 के नाम पर अभियन्ताओं को अनावश्यक तनाव देकर धमकाया जा रहा है। ऊर्जा निगमों को गैर-तकनीकी प्रबन्धन द्वारा एकतरफा, मनमाने ढंग से चलाये जाने से ऊर्जा सेक्टर तकनीकी तौर पर कमजोर होता जा रहा है जो चिन्ताजनक है।

उपाध्यक्ष रणवीर सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश के बिजली अभियन्ता मुख्यमंत्री के ‘सबको बिजली हरदम बिजली’ के संकल्प को पूरा करने में जी-जान से दिन-रात जुटे हुए हैं। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण विगत माह 25000 मेगावाट से अधिक की बिजली का पारेषण/वितरण किया जाना है परन्तु विडम्बना यह है कि बिजली अभियन्ताओं द्वारा किये जा रहे अथक प्रयासों एवं उपलब्धियों का प्रबन्धन द्वारा कोई प्रोत्साहन नहीं दिया जा रहा है।

सम्मेलन के द्वितीय सत्र में विभिन्न जिलों से आये अभियन्ताओं ने बताया कि क्षेत्रों में संसाधनों/सामग्री की भारी कमी है, कार्य का स्वस्थ वातावरण न होने एवं बजट में कटौती से बिजली उपकेन्द्रों के अनुरक्षण जैसे महत्वपूर्ण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं एवं बेहतर उपभोक्ता सेवा देने में अत्यधिक व्यवहारिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। इससे आमजन के बीच सरकार की छवि पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसके बावजूद भी ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत समस्त अभियन्ता प्रदेश के उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति, बेहतर उपभोक्ता सेवा प्रदान करने, लाइन लॉस कम करने, राजस्व वसूली बढ़ाकर ऊर्जा निगमो को आत्मनिर्भर बनाने हेतु संकल्पबद्ध हैं परन्तु ऊर्जा निगम प्रबन्धन द्वारा लगभग सभी अभियन्ताओं को किसी न किसी बात पर जांच/आरोप पत्र देकर अत्यधिक मानसिक तनाव देने का अभियान सा चला रखा है जिससे क्षेत्र में तैनात अभियन्ता अत्यधिक मानसिक कष्ट में हैं।

महासचिव प्रभात सिंह ने अपने समापन सम्बोधन में कहा कि ‘संवाद से समाधान’ के मंत्र का पालन करते हुए ऊर्जा निगम प्रबन्धन से वार्ता कर बिजली अभियन्ताओं एवं प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं की व्यवहारिक समस्याओं के सार्थक एवं त्वरित निराकरण के लगातार प्रयास किये जा रहे है परन्तु प्रबन्धन द्वारा अभियन्ताओं को प्रताड़ित ही किया जा रहा है जिससे सभी अभियन्ता अत्यन्त मानसिक तनाव में हैं परन्तु विचलित कतई नहीं हैं जिसका हरसम्भव प्रतिकार किया जायेगा।

अभियन्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं ऊर्जा मंत्री श्रीकान्त शर्मा से ऊर्जा निगमों में दमनात्मक, दण्डात्मक तथा पदोन्नतियां रोकने जैसी नकारात्मक कार्यप्रणाली समाप्त कर कार्य का स्वस्थ वातावरण प्रदान करने हेतु हस्तक्षेप करने की अपील की है।

क्षेत्रीय सम्मेलन में मुख्यतया चीफ संजय जैन,तारिक़ जलील,विकास सिंघल, अशोक चौरसिया,दीपक कुमार,रंजीत चौधरी,गौरव शर्मा,अतुल वर्मा,अभिषेक कुमार,मो ताजीम, अभिषेक राय, सुप्रीत सिंह,नंदलाल, मुकेश चौरसिया,अनुज गुप्ता,उमेश सोनकर,अनिल गर्ग,अशोक कुमार,के के गंगवार,ए के गुप्ता, विपुल जकीन,सतेंद्र चौहान,कर्म सिंह,किशोर कुमार उपस्थित रहे।

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