BHU की असिस्टेंट प्रोफेसर की शिकायत पर वाराणसी के SSP को मानवाधिकार आयोग का नोटिस, 21 सितंबर तक मांगा जवाब
वाराणसी के सुंदरपुर चौराहा पर गत 3 जुलाई को सत्ताधारी भाजपा नेताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हुई
मारपीट के मामले में उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग ने वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से जवाब तलब किया है। आयोग ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित महिला महाविद्यालय में समाज शास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रतिमा गोंड़ की शिकायत का संज्ञान लेते हुए एसएसपी से आगामी 21 सितंबर तक रिपोर्ट मांगा है।
साथ ही आयोग ने चेतावनी दी है कि उसकी अपेक्षा के अनुरूप कार्यवाही नहीं किए जाने पर वह न्यायोचित आदेश पारित कर देगा।
आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति केपी सिंह के आदेश पर जारी नोटिस में लिखा है कि डॉ. प्रतिमा गोंड ने गत 8 जुलाई को आयोग को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने गत 3 जुलाई को वाराणसी के सुंदरपुर चौराहा पर भाजपा नेताओं और पुलिसकर्मियों के बीच हुई मारपीट का जिक्र करते हुए लिखा है, “जिस अभद्रतापूर्ण ढंग से हमारे पुलिस कर्मचारियों पर हमले हुए हैं,
उस घटना के कुछ अंश का एक वीडियो मैं इस पत्र के साथ संलग्न कर रही हूं जिससे काफी कुछ स्पष्ट हो जाता है। महोदय, यह तथ्य अभी मेरे संज्ञान में आया है कि हमला करने वाला पक्ष बरी है और जिन पर हमला हुआ,
उन्हें निलंबित कर दिया गया है। क्या लोकतंत्र में यही न्याय है जो सापेक्षिक अवधारणा पर कार्य कर रही है। अगर इस देश में दलित, किसान, मजदूर, स्त्री वर्ग सबके लिए न्याय की व्यवस्था है तो इस परिप्रेक्ष्य में पुलिस वर्ग (जो कि इस संतुलन की व्यवस्था का एक मजबूत आधार है) हाशिये पर क्यों है?”