मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से व्यावसायिक पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए मंत्रालय की नई पहलों की समीक्षा की
मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने आज नई दिल्ली में मंत्रालय की योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में समीक्षा बैठक की।
उच्च शिक्षा सचिव श्री आर. सुब्रमण्यम और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने (i) व्यावसायिक शिक्षा के जरिए कौशल और रोजगार सृजित करने, (ii) आईआईएम की कार्य शैली और नये आईआईएम स्थापित करने (iii) शिक्षा के क्षेत्र में भारत में अध्ययन कार्यक्रम तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (iv) भाषायी परिषदों की कार्य शैली की समीक्षा के बारे में प्रस्तुति दी।
डॉ. पोखरियाल ने समीक्षा बैठक के दौरान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की अहमियत और ज्यादा से ज्यादा व्यावसायिक पाठ्यक्रम सृजित करने की जरूरत पर प्रकाश डाला, ताकि युवाओं को बगैर किसी विलंब के रोजगार परिवेश में समायोजित किया जा सके। मंत्री ने अधिकारियों को इन पाठ्यक्रमों के जरिए रोजगार सृजन का एक निश्चित लक्ष्य तय करने के साथ-साथ उद्योग एवं व्यापार जगत के साथ समुचित समन्वय सुनिश्चित करते हुए विशेष क्षेत्र में उपलब्ध रोजगार अवसरों के अनुरूप ही इन पाठ्यक्रमों को क्षेत्रवार अनुकूल बनाने की भी सलाह दी। उन्होंने कहा कि कौशल एवं शिक्षा उसी अभिरुचि के अनुसार दी जानी चाहिए जिसके लक्षण संबंधित विद्यार्थी में कम उम्र में ही नजर आने लगते हैं। मंत्रालय द्वारा उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किए गए नए व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से डॉ. पोखरियाल को अवगत कराया गया।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने अधिकारियों से एक ऐसी कार्य योजना तैयार करने को कहा जिसके जरिए देश भर में विभिन्न भारतीय भाषाओं को एकीकृत ढंग से विकसित किया जा सकता है। उन्होंने यह राय दी कि हमें अपने प्राचीन ग्रंथों में छिपे ज्ञान के भंडार पर और ज्यादा अनुसंधान करना चाहिए तथा उसे आधुनिक विज्ञान के साथ एकीकृत करना चाहिए। उन्होंने यह निर्देश दिया कि छह स्वीकृत आईआईएम हैं उनके भवनों की आधारशिला जल्द से जल्द रखी जानी चाहिए।
भारत में अध्ययन कार्यक्रम के बारे में मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि विदेशी छात्रों को आकर्षित करने के लिए भारत पर केन्द्रित पाठ्यक्रम शुरू किए जाने चाहिए। इन पाठ्यक्रमों की ब्रैंडिंग की जाए, उदाहरण के लिए अन्य पाठ्यक्रमों के अलावा इसमें योग, आध्यात्म, आयुर्वेद को शामिल किया जाए, क्योंकि ये भारत की विशिष्ट पद्धतियां हैं और इनमें काफी संभावनाए हैं।
कल मानव संसाधन विकास मंत्री ने 8 घंटे तक चली बैठक में स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा की कार्य शैली और रिक्त पदों को भरने, यूजीसी तथा एआईसीटीई की गुणवत्तापूर्ण पहल के लिए योजना बनाने के संबंध में समीक्षा की। इनके साथ साथ आईआईटी, आईआईआईटी, आईआईएम और सीबीएसई के कार्यों की समीक्षा भीमंत्री जी द्वारा की गई।