हमलोग राम मंदिर बनाएंगे,यह हमारी आस्था का विषय है- मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर किसी को दुविधा नहीं होनी चाहिए.आरएसएस प्रमुख ने कहा कि कई सालों की कोशिश और बलिदान के बाद अब यह (राममंदिर का निर्माण) संभव जान पड़ता है. हालांकि वह उल्लेख करना नहीं भूले कि मामला अदालत में है. उन्होंने कहा, ‘राममंदिर ही बनाया जाएगा, कुछ और नहीं. यह वहीं ही बनेगा (जिसे भगवान राम का जन्मस्थल माना जाता है.)’ उन्होंने कहा कि मंदिर उसी भव्यता के साथ बनेगा जैसा पहले था, उसमें उन लोगों के मार्गदर्शन में ‘उन्हीं पत्थरों’ का इस्तेमाल किया जाएगा जो पिछले 25 सालों से रामजन्मभूमि आंदोलन के अगुवा रहे हैंउन्होंने कहा, ”हमलोग राम मंदिर बनाएंगे. यह कोई लोकप्रिया घोषणा नहीं है, बल्कि यह हमारी आस्था का विषय है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.भागवत ने कहा कि लेकिन उससे पहले जनजागरुकता अनिवार्य है. उन्होंने कहा, ‘हम अपना लक्ष्य हासिल करने के करीब हैं लेकिन इस मोड़ पर पर हमें अधिक चौकस रहने की जरुरत है.’ राममंदिर का निर्माण, धर्मांतरण पर रोक, गौरक्षा आदि विहिप की तीन दिवसीय संसद में ‘चर्चा’ के अहम मुद्दे हैं. आयोजकों ने कहा कि इस बैठक में जाति एवं लिंग के आधार पर भेदभाव के मुद्दों पर भी चर्चा होगी और उन तौर तरीकों पर गौर किया जाएगा जिससे हिंदू समाज में सौहार्द्र कायम रहे. एक्सप्रेस ने भागवत के हवाले से लिखा है, ”जब लोग मुझसे मंदिर के बारे में पूछते हैं तो मैं कोई निश्चित जवाब नहीं दे पाता हूं, क्योंकि मैं भविष्यवाणी नहीं कर सकता. बालासाहेब ने हमलोगों से 1990 में कहा था कि इसमें 20 से 30 साल के वक़्त लगेंगे. 2010 में 20 साल पूरे हो गए. 2020 में 30 साल हो जाएंगे. हमारी कोशिश बेकार नहीं जाएगी. अब वो समय क़रीब आ गया है. हमलोग इस मसले पर सतर्कता से आगे बढ़ रहे हैं.”