होली आते ही बिकने लगा मिठाई के नाम पर जहर
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लोगों को इसी के कारण गम्भीर-गम्भीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है मिलावट का खेल बहुत बड़े स्तर पर चल रहा है। मिलावटी सामान इस जिले में नहीं बल्कि इस जिले से दिल्ली तक भी भेजा जाता है। परन्तु जिले के जिम्मेदार अधिकारी लोगों के साथ हो रहे धोखाधड़ी के खेल को बन्द नहीं करना चाहते हैं जो कि एक गम्भीर है।
बात हम बिजली काॅटन मिल चैराहे की करें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि यहां पर मिठाईयों के नाम पर लोगों को मीठा जहर बेचा जा रहा है। वह भी खुलेआम खास बात तो यह है कि यहां पर अधिकतर मिठाइयां पूर्ण रूप से नकली व जहरीली है लेकिन क्या करें यह चलता हुआ रोड है क्योंकि यहां से अधिकतर मुसाफिर लोग मिठाइयां खरीदते हैं जोकि बाहर शहर चले जाते हैं। इस वजह से इनकी शिकायत कोई नहीं करता है।
इस चैराहे पर सस्ते रेटों पर मिठाई बेची जाती है। क्योंकि इन मिलावट खोरों के पास कई मिठाइयां नकली व जहरीली हैं जोकि सस्ते रेटों में बन कर तैयार हो जाती है। इसी वजह से यहां पर सस्ती मिठाइयां बेची जाती है।
नकली व जहरीली लाॅज और सोन पपड़ी आजकल बड़े पैमाने पर गावों में तैयार की जा रही है और लाॅज को 120 रु. प्रति किलो और सोनपपड़ी लगभग 50 रु. प्रति किलो के हिसाब से बाजार में बेची जा रही है उन्हीं नकली और जहरीली मिठाइयों को इस चैराहे के एक दुकानदार भी खरीदता है और सस्ते रेटों में खरीद कर लाॅज को 220 रु. प्रति किलो व सोनपपड़ी को 100 रु. प्रतिकिलो के हिसाब से दुकान पर बेच रहा है जो कि जनता के साथ एक बड़ धोखा है।
इस चैराहे पर पनपते इन दुकानदारों ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है क्योंकि रोजाना ही दुकान पर ग्राहकों द्वारा नकली व जहरीली मिठाइयों को खरीदने पर उनकी शिकायत करने पर फजीहत होना आम बात सी हो गई है। परन्तु दुकानदार अपने सभी साथियों के साथ दुकान से उतर कर ग्राहक से लड़ने को तैयार हो जाता है, कभी कभी तो मारपीट करने पर उतारू हो जाते हैं, जिस कारण ग्राहक वहां से चला जाता है।
यह जिला मिठाइयों के बनाने में नम्बर एक पर आता है यहां की मिठाइयां खाने को देष के हर कोने में रहने वाले लोग तरसते हैं और जब भी वह हाथरस आतते है या उनका कोई उनके पास जाता है तो मिठाइयां जरूर ले जाता है क्योंकि यहां से अच्छी व स्वादिश्ट मिठाइयां कहीं नहीं मिलतीं। परन्तु इस बात का फायदा कुछ मिलावटखोर उठा रहे हैं जो कि नकली व जहरीली मिठाइयों को बनाकर ग्राहकों को बेच रहे हैं। जिस कारण हाथरस बदनाम होने लगा है।
नकली मिठाइयां इतनी जहरीली हैं कि इनको खाने से गुर्दे खराब होना, फूड प्वाइजनिंग, कैंसर, और दिमाग की गम्भीर बीमारियां हो सकती हैं लेकिन फिर भी खाद्य विभाग के अधिकारी इस दुकान पर छापेमारी कर कार्यवाही क्यों नहीं करना चाहतेत है यह कह पाना मुश्किल है। अगर जल्द ही जिम्मेदार अधिकारियां ने दुकान पर बिकने वाली मिठाइयों का सैंपल भर कर इनको नष्ट नहीं कराया और कड़ी कार्यवाही नहीं की तो इस दुकानदार की उखाड़ी तो यह दुकानदार और अखिक मीठा जहर बेचेगा।