Haryana News-:- सुनहेड़ा-जिराहेड़ा बोर्डर पर मेवाती किसान मोर्चा का 56वा दिन संम्पन हुआ।
सुनहेड़ा-जीराहेड़ा बॉर्डर पर पक्का मोर्चा भी देश में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में रखा गया है इसकी सरपरस्ती मोलाना अरशद साहब मिलखेड़ला कर रहे हे, आज का दिन बॉर्डर पर महिलाओं के लिए सर्वसम्मति से दिया गया था,और बड़ी धूम-धाम से सैकड़ों महिलाओं ने बॉर्डर पर पहुँचकर महिला दिवस को क्रांतिकारी लड़ाई के साथ मनाया,और सरकार को जताया,हमें भी इस लड़ाई में किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े हैं,और जब तक हम भी इस लड़ाई में अपनी भूमिका निभाते रहंगे, जब तक सरकार इन तीन काले कानूनों को वापिस नहीं ले लेती हैं,काफी मात्रा में आज महिलाएं इक्कठा हुई,और सरकार के खिलाफ सामूहिक रूप से अपना विरोध दर्ज किया।
जैसा कि आप जानते है कि पिछले 3 महीने से देश का किसान कृषि विरोधी तीन कानूनो को रद्द करवाने ओर न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी लेने के लिए दिल्ली के चारो ओर बॉर्डर्स पर आंदोलित है और देश भर में किसान इन कानूनों के खिलाफ खड़ा हो गया है।
आज़ की सभा का संचालन मोहतरमा मोहम्मदी जी ने किया, और कहा हमे लगातार इस लड़ाई को हर तरह से इक्कठा होकर पूरी ताकत के साथ लड़ रहे हैं,क्योंकि ये लड़ाई हमारी फसलों की भी है,और नस्लों की भी है, अगर आज हमने इस लड़ाई को नही लड़ा तो आगे आने वाली हमारी पीढ़ी हमसे सवाल पूछे तो हम बता सकें के हम खड़े थे,और डटकर लड़ रहे थे।
सुब्हान खां सिंगारिया,मुफ़्ती सलीम क़ासमी, समय सिंह,मुबारिक अटेरना,तौफीक अटेरना,मौलाना मोहम्मद अज़हर ने और वक्ताओं ने अपने संबोधन मे कहा कि अब किसानों ठान लिया है कि कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं,क़ानूनो को वापिस कराकर ही घर जाएंगे,इसके लिए चाहे कितने दिन ही लड़ना पड़े,ये असंवेदनशील सरकार है इसलिए 300 लोगो की शहादत पर भी अभी एक शब्द नही बोल पाई है,ये हमारे दर्द को क्या समझेगी,लेकिन हम अपने दर्द का एहसास को इस सरकार को कराकर ही जाएंगे, चाहे हमें कितना ही लंबा और अपने हकों के लिए बैठना पड़े,सरकार को ये तीन काले कानून वापिस लेने होंगे।
मंच को सम्बोधित करने वालो में,मुफ़्ती सलीम कासमी,मोहतरमा मोहम्मदी खान,सामिया तहजीब,रुकैय्या,चौधरी सुब्हान खां सिंगार,मौलाना मोहम्मद अज़हर,जनाब ईशा खान, रजाक,जनाब सूबेदार,कारी इस्तियाक,बनया,मौलाना अब्दुल कद्दुस,वसीमा खान एडवोकेट, समय सिंह सलम्बा,तौफीक हिंगनपुर, अज़ीज़ अख्तर,मुबारिक अटेरना,सहनाज़, मौलाना शहज़ाद,मुबीन।
बरेली से मोहम्मद शीराज़ ख़ान की रिपोर्ट !