हरदोई कछौना जिले में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार हो रहा इजाफा
मृतक कोरोना पॉजिटिव के परिवार के अन्य सदस्यों की हुई कोविड-19 सैंपलिंग, घर को हॉटस्पॉट घोषित कर हुई बेरिकेडिंग
कछौना(हरदोई): जिले में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। शहर से लेकर गांव तक संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है।
शुक्रवार को विकास खण्ड के गांव पुरवा गांव में दिल्ली से पूरे परिवार के साथ लौटे रहे प्रवासी की रास्ते में मृत्यु हो जाने से ग्रामीणों ने उसे कोरोना संदिग्ध मानते हुए पूरे परिवार को गांव के बाहर स्थित स्कूल में रुकवा दिया गया था, बाद में प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग को सूचना देने पर मृतक समेत सभी की कोरोना जांच हेतु सैंपलिंग हुई थी, जिसकी रविवार को रिपोर्ट आ गई है, इसमें मृतक विनोद कुमार मिश्रा व उसका छोटे लड़के कपिल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। पॉजिटिव मरीज की खबर से गांव में हड़कंप की स्थिति है। पॉजिटिव मरीज को मलिहामऊ कोविड अस्पताल में इलाज के लिए शिफ्ट कर दिया गया है व अन्य परिजनों जिनमें पत्नी गुड्डी, दो पुत्र अमित व सुमित को जीआईसी सण्डीला में क्वारंटाइन कर दिया गया है। यहाँ पर ग्रामीणों की सजगता की भी प्रशंसा करनी होगी कि उन्होंने मृतक समेत परिजनों को गांव के बाहर ही रोक दिया, नहीं तो आज स्थिति कुछ और हो सकती थी।
नोडल अधिकारी विकास सिंह एलटी के नेतृत्व में सोमवार को पूरे गांव (हॉटस्पॉट क्षेत्र) में थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी एवं मृतक के परिवार के अन्य सभी सदस्यों की कोविड-19 सैंपलिंग कर जांच के लिए भेजा गया।निगरानी समिति सदस्यों के नेतृत्व में पूरे गांव में सेनेटाइजेशन किया गया एवं गांव की गलियों को बेरिकेडिंग कर सील कर दिया गया है।
इस मौके पर मौजूद हलका इंचार्ज बृजेश कुमार सिंह,हेड कांस्टेबल हरिशंकर शर्मा, हेड कांस्टेबल श्रीपत मिश्रा, कांस्टेबल संदीप कुमार,कॉन्स्टेबल कपिल, कॉन्स्टेबल सुबोध कुमार, स्वास्थ्य विभाग की टीम डॉक्टर विकास सिंह, रैपिड रिस्पांस टीम सीएससी कछौना, और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अवधेश कुमार गुप्ता मौजूद रहे|
बढ़ते मरीजों की संख्या को लेकर गांवों की निगरानी समितियों को अब और ज्यादा सक्रिय व सजग रहने की आवश्यकता है, साथ ही साथ गांव वालों को कोरोना के प्रति जागरूक करने हेतु सीधा संवाद भी जरूरी है। कोरोना को लेकर एक विशेष तथ्य यह भी है कि यह बीमारी बिना लक्षणों के भी हो सकती है, जिससे मरीज स्वयं भी आंकलन नहीं कर पाता है कि वह पॉजिटिव है, इसलिए प्रवासियों को स्वयं भी समझना चाहिए कि वह अपने परिजनों व गाँव वालों से दूरी बनाकर रहें और अपने चेहरे को मॉस्क या गमछे से ढक कर रखें।
कोविड-19 से बचाव के लिए सभी को सजग रहना बहुत ही जरूरी है। सरकार द्वारा अनलॉक अर्थात बाजार खुलने का मतलब यह नहीं है कि कोरोना वायरस का खतरा टल गया है। यह जिम्मेदारी हम सभी की स्वयं की है कि अपने को सुरक्षित रखें तभी परिवार व समाज सुरक्षित रहेगा। निगरानी समिति की नैतिक जिम्मेदारी है कि अगर गांव या कस्बे में कोई भी व्यक्ति बाहर से आया हो तो उसकी सूचना तत्काल कंट्रोल रूम को दें, अन्यथा एक छोटी सी लापरवाही बड़े विस्फोट का कारण बन सकती है।
*लोगों से दो गज की दूरी एवं अपने चेहरे पर मॉस्क लगाना है अत्यंत जरूरी*
राघवेन्द्र सिंह आल राईट न्यूज़ लखनऊ